WTO की विवाद निपटान प्रक्रिया (DSP)
हाल ही में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के विवाद निपटान सुधारों पर चर्चा के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ने बैठक बुलाई गई है।
WTO की विवाद निपटान प्रक्रिया (Dispute Settlement Process: DSP) दिसंबर, 2019 से कार्य नहीं कर रही है। इसके पीछे का कारण संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अपीलीय निकाय में नियुक्तियों पर लगाई गई रोक है।
इससे जुड़े निम्नलिखित मुद्दों पर चिंता प्रकट की गई है:
- अपीलीय निकाय द्वारा WTO के अन्य अंगों के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप,
- विवाद निपटान प्रक्रिया की प्रकृति मुकदमेबाजी पर आधारित है,
- यह प्रक्रिया लंबी, महंगी और विवादास्पद होती है आदि।
WTO में शिकायत दर्ज होने के बाद विवाद को निपटाने के दो मुख्य तरीके हैं:
- विवाद में (विशेष रूप से द्विपक्षीय परामर्श चरण के दौरान) शामिल पक्ष पारस्परिक रूप से सहमत समाधान खोजते हैं।
- न्यायनिर्णयन के माध्यम से (इसमें पैनल और अपीलीय निकाय की रिपोर्ट का कार्यान्वयन भी शामिल है) निपटान किया जाता है।
अपीलीय निकाय विवादों के निपटारे के लिए WTO की सर्वोच्च संस्था है। इसमें सात सदस्य होते हैं। इन सदस्यों को विवाद निपटान निकाय (DSB) युक्त करता है। इन सदस्यों का कार्यकाल चार वर्षों का होता है। DSB सभी WTO सदस्यों के प्रतिनिधियों से बना है।
विश्व व्यापार संगठन के DSP के तीन मुख्य चरण हैं:
- पक्षों के बीच परामर्श;
- पैनल द्वारा निर्णय और यदि आवश्यक हो तो अपीलीय निकाय द्वारा निर्णय लिया जाता है; तथा
- निर्णय को लागू करना।
स्रोत – द हिन्दू