3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया ।
- ज्ञात हो 20 दिसंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सत्र में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था ,और 3 मार्च 2014 मे पहली बार विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया ।
- यह निर्णय इसलिए लिए गया था क्योंकि वर्ष 1973 में 3 मार्च के दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (The Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora- CITES) को अपनाया गया था जोकि 1 जुलाई, 1975 से प्रभावी हुआ।
- इस दिवस को जंगली जीवों और वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है। विश्व वन्यजीव दिवस के लिए थाईलैंड द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था।
- विश्व वन्यजीव दिवस ,2021की थीम है – ‘वन और आजीविका: लोगों और ग्रह को बनाए रखना‘(Forests and Livelihoods: Sustaining People and Planet) है। इसे सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) के साथ जोड़ा गया है।
- विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर भारत के केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने घोषणा की है कि भारत में यह चीता प्रजनन हेतु समर्पित है, जो वर्ष 1952 में विलुप्त हो गया था।
- हाल मे वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) द्वाराविश्व वन्यजीव दिवसके अवसर पर यूरोप के अंतिम पुराने विकसित वनों को बचाने हेतु यूरोपीय संघ (EU) सहित कई हितधारकों से अपील की गई है ।(WWF की स्थापना वर्ष 1961 में हुई , इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के ग्लैंड में है। इसका उद्देश्य प्रकृति का संरक्षण करना है, इसके साथ ही पृथ्वी पर जीवन की विविधता के संरक्षण में आने वाली बाधाओं को दूर करना है।)
मुख्य बिंदु:
- इसमें सभी जंगली जानवरों एवं पौधों की प्रजातियों को विश्व की जैव विविधता के प्रमुख घटक के रूप में शामिल किया गया है।
- इसमें निम्नलिखित सतत विकास लक्ष्यों के समर्थन में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग भी शामिल है।
- एसडीजी 1 – निर्धनता की समाप्ति
- एसडीजी 12 – स्थायी उत्पादन और खपत पैटर्न सुनिश्चित करना
- एसडीजी 14 – पानी के नीचे जीवन
- एसडीजी 15 – भूमि पर जीवन
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस