महिला कार्यबल और ई–श्रम पोर्टलः एक अप्रत्याशित प्रवृत्ति उभर रही है
श्रम और रोजगार मंत्रालय (MoL&E) के अनुसार, मार्च 2022 तक 27 करोड़ से अधिक श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। इनमें से लगभग 53% महिलाएं और 47% पुरुष हैं।
कृषि क्षेत्र में महिला कार्यबल की बड़ी उपस्थिति देखी गयी है। इसके बाद घरेलू और पारिवारिक -कामगारों, निर्माण एवं परिधान क्षेत्र में महिला कामगार शामिल हैं।
तमिलनाडु, मेघालय और केरल में महिला कामगारों का पंजीकरण सबसे अधिक है।
लगभग 62% कामगार 18-40 आयु वर्ग के हैं।
महिला कामगारों का पंजीकरण बढ़ने के कारण
- जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले संगठनों की बड़ी भूमिका रही है। ये ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में महिला समूहों के साथ मिलकर कार्य करते हैं।
- महिला श्रमिक अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं।
- ई-श्रम पोर्टल देश में असंगठित कामगारों का पहला राष्ट्रीय डेटाबेस है। इसे अगस्त 2020 में लॉन्च किया गया था।
पोर्टल से संबंधित मुद्दे:
- यह प्रवासी कामगारों के बारे में जानकारी एकत्र करने में सफल नहीं रहा है, जो कि इसका प्रथम कार्य था। कार्यबल में सर्वाधिक हाशिए पर रहने वाले लोग इससे बाहर हैं।
- डेटा संग्रह पर स्पष्टता का अभाव है। साथ ही, इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि पंजीकृत श्रमिकों तक सामाजिक और सुरक्षा संबंधी लाभ कैसे पहुंचाए जायेंगे।
असंगठित क्षेत्र के कामगारों की मदद के लिए उठाए गए कदम:
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना की शुरुआत की गयी है।
- PM स्वनिधि- स्ट्रीट वेंडर्स के लिए माइक्रो क्रेडिट स्कीम की शुरुआत की गयी है।
- प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) चलायी जा रही है।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की गयी है।
स्रोत – द हिंदू
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