विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘कोवैक्सिन’ पर रोक
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्माण से संबंधित मुद्दों के निरीक्षण के बाद ‘संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों’ के माध्यम से कोविड -19 वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ पर रोक’ की आपूर्ति को निलंबित कर दिया गया है।
‘कोवाक्सिन’ के लिए कब अनुमोदित किया गया था?
- कोरोनोवायरस बीमारी से सुरक्षा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन’ द्वारा निर्धारित मानकों पर खरा उतरने के बाद, ‘कोवाक्सिन’ के लिए नवंबर 2021 में डब्ल्यूएचओ से ‘आपातकालीन उपयोग सूची’ (emergency use listing – EUL) में शामिल किए जाने को अनुमोदन प्राप्त हुआ था।
- किसी टीके को, COVAX पहल के तहत टीके की आपूर्ति का हिस्सा बनने के लिए WHO की ‘आपातकालीन उपयोग सूची’ में शामिल होना एक पूर्व-शर्त है।
- डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रदत्त लाइसेंस ने, ‘भारत बायोटेक’ के लिए COVAX सहित अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को ‘कोवाक्सिन’ की आपूर्ति करने का मार्ग प्रशस्त किया था।
वर्तमान विवाद:
- ‘कोवाक्सिन’ के लिए ‘आपातकालीन उपयोग सूची’ में शामिल किए जाने को अनुमोदन प्रदान करते समय, WHO द्वारा कोई जांच नहीं की गयी थी।
- इस संबंध में WHO द्वारा मार्च 2022 में ‘जांच’ शुरू की गयी थी और इसके आधार पर WHO ने संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से ‘कोवाक्सिन’ की आपूर्ति को निलंबित करने की घोषणा की है।
- अपने निरीक्षण में, डब्ल्यूएचओ द्वारा ‘उचित विनिर्माण प्रक्रियाओं’ (Good Manufacturing Practices – GMP) में कमियां पाईं गयी है।
‘उचित विनिर्माण प्रक्रिया’ (GMP) क्या है?
- ‘उचित विनिर्माण प्रक्रिया’ (Good Manufacturing Practices) उत्पादों के लगातार उत्पादन और नियंत्रण गुणवत्ता मानकों के अनुसार किए जाने को सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली है।
- इस प्रणाली को किसी भी दवा उत्पादन में शामिल जोखिमों – जिन्हें अंतिम उत्पाद के परीक्षण के माध्यम से समाप्त नहीं किया जा सकता- को न्यूनतम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- 100 से अधिक देशों ने अपने ‘राष्ट्रीय औषधि कानूनों’ में WHO के GMP प्रावधानों को शामिल किया जा चुका है, और कई और देशों ने अपनी राष्ट्रीय GMP आवश्यकताओं को परिभाषित करने में इसके प्रावधानों और दृष्टिकोण को अपनाया हुआ है।
- डब्ल्यूएचओ की ‘उचित विनिर्माण प्रक्रिया’ का उपयोग ‘डब्ल्यूएचओ प्रमाणन योजना’ और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा खरीद के लिए टीकों की ‘पूर्व योग्यता’ के आधार के रूप में भी किया जा रहा है।
‘कोवैक्सिन’ के बारे में:
‘कोवाक्सिन’ (Covaxin), कोविड- 19 अर्थात SARS-CoV-2 के खिलाफ एक संपूर्ण विषाणु-निष्क्रियक टीका है। इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे द्वारा साझेदारी में विकसित किया गया है।
स्रोत –द हिन्दू