विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दक्षिण-पूर्व एशिया का 75वां क्षेत्रीय सम्मेलन
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दक्षिण-पूर्व एशिया का 75वां क्षेत्रीय समिति सत्र भूटान में आयोजित किया गया है।
इस सत्र में मुख और आंखों की देखभाल सहित गैर-संचारी रोगों (NCDs) की रोकथाम व नियंत्रण के लिए प्रगति में तेजी लाने का संकल्प लिया गया।
गैर-संचारी रोग (Non-Communicable Diseases- NCD)
- गैर-संचारी रोग (Non-Communicable Diseases- NCD) वह चिकित्सीय स्थितियाँ या रोग हैं जो संक्रामक कारकों के कारण नहीं फैलती हैं।
- गैर-संचारी रोगों को दीर्घकालिक बीमारियों के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि ये लंबे समय तक बनी रहते हैं तथा आनुवंशिक, शारीरिक, पर्यावरण और व्यवहार कारकों के संयोजन का परिणाम होती है।
- ये रोग वे पुरानी स्थितियाँ हैं जो बच्चों, किशोरों और वयस्कों में उच्च स्तर की विकलांगता एवं मृत्यु का कारण बनती हैं यदि उन्हें अनुपचारित छोड़ दिया जाता है।
- NCD में हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह, अस्थमा आदि शामिल हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ये वैश्विक स्तर पर 71% मौतों का कारण बनते हैं।
- अफ्रीकी क्षेत्र में NCD के कारण मृत्यु दर का अनुपात 27-88% के बीच है।
NCDs को नियंत्रित करने के लिए भारत द्वारा किए गए उपाय
- राष्ट्रीय कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और स्ट्रोक नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम (NPCDCS) चलाया जा रहा है।
- विशेष राष्ट्रीय लक्ष्यों और संकेतकों वाली राष्ट्रीय कार्य योजना को अपनाया गया है। इसे NCDs की रोकथाम और नियंत्रण के लिए WHO की वैश्विक कार्य योजना के प्रति अनुक्रिया में अपनाया गया है।
स्रोत –द हिन्दू