Question – मेटावर्स क्या है ? किस प्रकार यह इंटरनेट तंत्र में नए अवसरों के द्वार खोलता है ? टिपण्णी कीजिए। – 9 March 2022
Answer – मेटावर्स, “ब्रह्मांड” शब्द के साथ उपसर्ग “मेटा” (अर्थात पारगमन) का संयोजन, भौतिक दुनिया से सम्बद्ध एक काल्पनिक संश्लिष्ट वातावरण का वर्णन करता है। यह दृश्य वास्तविक दुनिया के द्वंद्व और डिजिटल वातावरण की एक प्रति को प्रस्तुत करता है। मेटावर्स में, सभी व्यक्तिगत उपयोगकर्ता अपने-अपने अवतार के मालिक होते हैं, उपयोगकर्ता के भौतिक स्व के अनुरूप, एक आभासीता में वैकल्पिक जीवन का अनुभव करने के लिए जो उपयोगकर्ता की वास्तविक दुनिया का एक रूपक है। वास्तव में मेटावर्स, आभासी वास्तविकता, संवर्द्धित वास्तविकता (Augmented Reality) और वीडियो सहित कई प्रौद्योगिकियों का संयोजन है।
नील स्टीफेंसन (‘साइंस फिक्शन’ लेखक ) ने वर्ष 1992 में इस शब्द को गढ़ा था, और यह अवधारणा वीडियो गेम कंपनियों के बीच सामान्य है। मेटावर्स को लगातार विकसित होते पहलूओं वाली एक त्रिविमीय (3D) आभासी दुनिया के रूप में समझा जा सकता है, यह वास्तविक समय (रियल-टाइम) घटनाओं और ऑनलाइन अवसंरचना से युक्त एक आभासी दुनिया है।
मेटावर्स पारिस्थितिकी तंत्र के 6 स्तम्भ
- अवतार (उपयोगकर्ता की पहचान और प्रस्तुतीकरण)
- सामग्री निर्माण
- आभासी अर्थव्यवस्था
- सामाजिक स्वीकार्यता
- सुरक्षा और गोपनीयता
- विश्वास और जवाबदेही
मेटावर्स द्वारा प्रदत्त अवसर:
- दूरस्थ कार्य चुनौतियों का समाधान करने में क्षमता
- व्यवसायों और विपणक के लिए नए अवसर की उपलब्धता
- सहज ‘क्रॉस-प्लेटफॉर्म इंटरैक्शन’ की सुविधा
- बेहतर ई-लर्निंग और प्ले वर्ल्ड
- 3D विज़ुअलाइज़ेशन के साथ बेहतर शिक्षण संसाधन
Apple और Google जैसी प्रौद्योगिकी दिग्गजों की मेटावर्स को अमल में लाने की महत्वाकांक्षी योजनाएँ हैं। उभरती प्रौद्योगिकियों के जुड़ाव और पारिस्थितिकी तंत्र के प्रगतिशील विकास और परिशोधन के साथ, आने वाले वर्षों में हमारी आभासी दुनिया (या डिजिटल जुड़वां) मौलिक रूप से अलग दिखाई देगी। अब, शक्तिशाली कंप्यूटिंग उपकरणों और बुद्धिमान पहनने योग्य उपकरणों के अस्तित्व के कारण, हमारा डिजिटल भविष्य अधिक परस्पर संवादात्मक, अधिक जीवंत, अधिक सन्निहित और अधिक मल्टीमीडिया होने जा रहा है। हालांकि, मेटावर्स के भौतिक दुनिया और हमारे रोजमर्रा के जीवन में एकीकृत होने से पहले अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना है।
संबद्ध चुनौतियाँ:
- वैश्विक स्तर पर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक वैज्ञानिक दोहरी वास्तविकता (Dual Reality) के मनोवैज्ञानिक प्रभावों से चिंतित हैं।
- इसके लिए गोपनीयता जैसे मुद्दों के लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी, साथ ही यह भी प्रबंधित करना होगा कि कौन किसके साथ व्यवहार करता है।
- आभासी दुनिया की ओर प्रसस्थ होने के साथ भावनात्मक गुणक (emotional quotient- EQ) की हानि, व्यक्तित्व के नुकसान, और हमारी संवेदनाओं के कमज़ोर हो जाने का खतरा बना रहेगा।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कई दिग्गज कंपनियों ने पहले ही इस प्रक्रिया में प्रगति हेतु प्रयास प्रारम्भ कर दिया है, जिनमें फेसबुक और एपिक जैसे टेक कम्पनियाँ सबसे आगे चल रहे हैं। फेसबुक सस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग कहते हैं कि, भारत मेटावर्स का एक बड़ा हिस्सेदार बनने जा रहा है, क्योंकि भारत के ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र (जो मेटावर्स के महत्त्वपूर्ण घटकों में से एक है) ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत अधिक वृद्धि देखी गई है।
मेटावर्स के निर्माण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण आवश्यकता हैं, क्यों की मेटावर्स हमारी भौतिक वास्तविकता के समानांतर एक और विशाल इकाई के रूप में घटित होगा। विभिन्न तकनीकों और पारिस्थितिक तंत्रों में सबसे हाल के कार्यों का सर्वेक्षण करके, हम मेटावर्स पारिस्थिकीय तंत्र के अंदर व्यापक विमर्श की आशा हैं।