नेपाल के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा
हाल ही में नेपाल के प्रधान मंत्री ने भारत की यात्रा की और कई महत्वपूर्ण समझौतों को संपन्न किया है ।
विदित हो कि पांचवीं बार नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के बाद शेर बहादुर देउबा की यह पहली भारत यात्रा थी। इस यात्रा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर निर्णय लिए गए।
यात्रा के दौरान लिए गए प्रमुख निर्णय
- रेलवेः बिहार के जयनगर को नेपाल के कुर्था से जोड़ने वाली 35 किलोमीटर लंबी सीमा पार रेलवे लाइन की शुरुआत की गई। यह दोनों देशों के बीच पहली ब्रॉड गेज यात्री रेल संपर्क सेवा है।
- विद्युतः भारत ने सोलु कॉरिडोर नेपाल को सौंप दिया है। यह 90 किमी लंबी और 132kV क्षमता वाली विद्युत ट्रांसमिशन लाइन है। इसे भारतीय लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत निर्मित किया गया है। वर्ष 2017 में कटैया–कुसाहा और रक्सौल-परवानीपुर सीमा पार विद्युत ट्रांसमिशन लाइनों का उद्घाटन किया गया था।
- दोनों पक्ष पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाएंगे।
- वर्ष 2017 में दोनों पक्षों ने मेची नदी पर एक पुल के निर्माण के लिए एक समझौता किया था। यह पुल एशियाई विकास बैंक के “दक्षिण एशियाई उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग सड़क कनेक्टिविटी कार्यक्रम” (South Asian Sub-Regional Economic Cooperation road connectivity program ) का हिस्सा है।
- नेपाल, भारत के नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हुआ।
- नेपाल में भारत के रुपे (RuPay) कार्ड को लॉन्च किया गया। रुपे कार्ड का संचालन भूटान, सिंगापुर और UAE में पहले से ही जारी है।
- नेपाल के प्रधान मंत्री ने दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का मुद्दा भी उठाया। कालापानी भारत, नेपाल और चीन के त्रिसंगम (Tri-Junction) पर स्थित है। इस पर भारत का नियंत्रण है। लेकिन, नेपाल ऐतिहासिक तौर पर और मानचित्र के अनुसार इस क्षेत्र पर अपना दावा करता है।
स्रोत –द हिन्दू