चीन सीमा पर स्थित सुदूर गांवों के लिए ‘जीवंत ग्राम कार्यक्रम‘
हालिया बजट में, केंद्र सरकार ने मुख्य रूप से चीन सीमा पर स्थित सुदूर गांवों के लिए ‘जीवंत ग्राम कार्यक्रम’ (vibrant village programme) की घोषणा की है। यह नई सीमावर्ती क्षेत्र विकास योजना आदर्श गांव बनाने पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगी ।
साथ ही यह कार्यक्रम इन सीमावर्ती गांवों में सामाजिक और वित्तीय अवसंरचना में सुधार पर केंद्रित है।
इस योजना का संचालन गृह मंत्रालय कर रहा है। यह योजना चीन द्वारा भारत और भूटान की सीमाओं पर आदर्श गांवों की स्थापना के विरुद्ध प्रतिक्रिया में शुरू की गई है।
यह योजना निम्नलिखित दोहरे उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होगी:
इससे सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा, तथा योजना यह भी सुनिश्चित करेगी कि इन सीमावर्ती गांवों के निवासी, आर्थिक अवसरों की तलाश में कहीं ओर पलायन न करें।
इस योजना में निम्नलिखित गतिविधियां शामिल हैं:
- गांवों में बुनियादी ढांचे, आवास एवं पर्यटन केंद्रों का निर्माण करना।
- दूरदर्शन और शैक्षिक चैनलों के लिए ‘डायरेक्ट टू होम’ सुविधा प्रदान करना।
- सड़क संपर्क स्थापित करना।
- आजीविका सृजन के लिए सहायता देना।
योजना की आवश्यकता क्यों है?
- बहुत कम आबादी वाले इन सीमावर्ती गांवों में संपर्क सुविधाएं और बुनियादी ढांचा सीमित हैं। इस कारण ये क्षेत्र अक्सर विकास का लाभ प्राप्त करने में पीछे छूट जाते हैं
- इस योजना से पहाड़ों पर परिवहन और संपर्क की आधुनिक प्रणाली का निर्माण संभव होगा। इससे देश के सीमावर्ती गांवों को जीवंत बनाने में मदद मिलेगी।
सीमावर्ती गांवों में सुधार के लिए सरकार द्वारा किए गए कुछ अन्य उपायः
- सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम वर्ष 1986-87 में शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने पर केंद्रित है।
- केंद्रीय बजट 2022-23 ने वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में सीमा सड़क संगठन के लिए पूंजी परिव्यय में रिकॉर्ड 40 प्रतिशत की वृद्धि की है।
स्रोत –द हिन्दू