वाहन परिमार्जन नीति
- वाहन परिमार्जन नीति की घोषणा केंद्रीय बजट 2021-22 में वित्त मंत्री द्वारा की गई थी।
- पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले ऑटोमोबाइल पर ग्रीन टैक्स लगाने के कदम के बाद परिवहन मंत्रालय ने वाहन स्क्रेपेज नीति की घोषणा की। यह कदम आर्थिक लाभ, एक स्वच्छ वातावरण और हजारों नौकरियों का वादा करता है।
नीति का उद्देश्य:
- नीति का उद्देश्य प्रदूषण को कम करने हेतु प्रदूषण फैलाने वाले पुराने और अनफिट वाहनों को बाहर निकालने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। साथ ही देश में सड़क और वाहनों की सुरक्षा में सुधार करना भी इसका एक उद्देश्य है। इससे ऑटोमोबाइल उद्योग के गतिशील होने की उम्मीद है, जो COVID-19 महामारी से पहले ही विराम अवस्था में था।
- दीर्घावधि में, नीति में वाहनों की ईंधन दक्षता बढ़ाने, मोटर वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स और इस्पात उद्योगों के लिए कम लागत वाले कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ाने और सरकार के माल और सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है। यह योजना वर्तमान में अनौपचारिक वाहन स्क्रैपिंग उद्योग को औपचारिक रूप देना चाहती है।
वाहन परिमार्जन नीति के प्रावधान:
- नीति में 15 साल से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों और 20 साल से अधिक पुराने निजी वाहनों को स्क्रैप करने का प्रावधान है।
- नीति पहले वाणिज्यिक वाहनों के साथ शुरू होगी और बाद में निजी वाहनों के लिए विस्तारित की जाएगी।
- पुराने वाहनों को दोबारा पंजीकरण से पहले फिटनेस टेस्ट पास करना जरुरी होगा।
- पुराने वाहनों का परीक्षण स्वचालित स्वास्थ्य केंद्रों (Automated Fitness Centres) में किया जाएगा और वाहनों का फिटनेस परीक्षण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाएगा।
- पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए, नीति में 5% की कम जीएसटी प्रस्तावित है या, वाणिज्यिक वाहनों पर 28% के बदले पूरी तरह से छूट दी गई है जो वर्तमान में वाणिज्यिक वाहनों और 10 या अधिक व्यक्तियों को ले जाने वालों पर लगाया गया है।
- इस योजना का चयन करने वालों को पुराने वाहन के स्क्रैप-मूल्य मिलेंगे, जो कि नए वाहनों की एक्स-शोरूम कीमत का लगभग 4-6 प्रतिशत है, इसके साथ ही व्यक्तिगत वाहनों पर 25 प्रतिशत और व्यावसायिक वाहनों पर 15 प्रतिशत तक की रोड टैक्स छूट मिलेगी।
- वे स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र से 5 प्रतिशत निर्माता छूट का भी लाभ उठा सकते हैं और नए वाहन खरीदते समय पंजीकरण शुल्क में छूट भी प्राप्त कार सकते हैं।
- 1 अप्रैल, 2022 से सरकारी वाहनों के लिए नीति लागू होगी।
- भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए अनिवार्य फिटनेस परीक्षण 1 अप्रैल 2023 से शुरू होगा।
- निजी वाहनों सहित अन्य सभी श्रेणियों के वाहनों के लिए, यह 1 जून, 2024 से चरणों में शुरू होगा।
लाभ:
- ऑटोमोबाइल उद्योग हेतु कच्चा माल सस्ते दामों पर उपलब्ध होगा, क्योंकि नए वाहनों के उत्पादन में इन पुराने वाहनों से निकले प्लास्टिक, रबर तथा एल्यूमीनियम, तांबा जैसी धातुओं का प्रयोग किया जाएगा।
- वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा।क्योंकीवाहन-जनित प्रदूषण में पुराने वाणिज्यिक वाहनों का हिस्सा 65% तक होता है
- इस नीति के लागू होने से सरकार के राजस्व में 10000 करोड़ रुपए एवमनए वाहनों के उत्पादन में 22% तक की बढ़ोतरी होगी। जिससे ऑटोमोबाइल उद्योग को लाभ होगा
- ऐसा अनुमान है की इससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग का आकार5 लाख करोड़ से बढ़कर 20 लाख करोड़ तक हो जाएगा
वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए अन्य पहल:
- नेशनल इलेक्ट्रिकमोबिलिटी मिशन: 2020
- फेम इंडिया योजना चरण-दो (Fame India Scheme-Phase2)
- दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिकव्हीकल नीति
- हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक बस परियोजना
स्रोत: द हिंदू