UAE को पीछे छोड़ USA भारत के लिए विप्रेषण (remittance) का सबसे बड़ा स्रोत
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार, भारत को ‘विप्रेषण’ के मामले में अमेरिका UAE को पीछे छोड़कर शीर्ष स्त्रोत देश बना गया है।
वर्ष 2020-21 में भारत को कुल विप्रेषण का 23% अमेरिका से आया है।
भारत को आने वाला (इनवर्ड) विप्रेषण
- भारत को आने वाले विप्रेषण में खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) क्षेत्र की हिस्सेदारी वर्ष 2016-17 में 50% से अधिक थी। वर्ष 2020-21 में यह घटकर लगभग 30% हो गयी।
- सर्वाधिक विप्रेषण प्राप्त करने के मामले में महाराष्ट्र,केरल से आगे निकल गया है।
- केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक का हिस्सा वर्ष 2020-21 में लगभग आधा हो गया था। वर्ष 2016-17 से कुल विप्रेषण में इनका हिस्सा केवल 25% रह गया है।
विप्रेषण स्त्रोत देश में हुए बदलाव के कारण
- भारतीयों का विकसित देशों की ओर प्रवास बढ़ा है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका की ओर प्रवास करने वालों में अधिक कुशल व्हाइट कॉलर कामगारों की अधिकता है।
- आर्थिक मंदी के कारण पिछले पांच वर्षों में भारत से GCC देशों की ओर प्रवास कम हो गया है।
इसके निम्नलिखित कारक हैं:
- खाड़ी देशों में तेल की सुस्त कीमतें,
- सख्त श्रम कानून,
- वर्क परमिट नवीनीकरण के लिए अधिक शुल्क,
- करों की अधिक दर आदि।
खाड़ी देश तेल राजस्व के अलावा अन्य राजस्व है विकल्पों पर भी कार्य कर रहे हैं। इन विकल्पों में वे रोजगार में प्रवासियों की बजाय अपने नागरिकों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
विश्व बैंक की प्रवासन और विकास रिपोर्ट (Migration and Development Brief) के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत को सर्वाधिक विप्रेषण प्राप्त हुआ था।
स्रोत –द हिन्दू