संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार पर चर्चा
हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार पर चर्चा को स्थगित करने के संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के निर्णय की आलोचना की है।
भारत ने सुरक्षा परिषद में सुधार पर अंतर-सरकारी वार्ता (IGN) को महासभा के अगले सत्र में आयोजित करने के फैसले की आलोचना की है। भारत के अनुसार इस कदम से UNGA ने सुधार का एक अवसर खो दिया है।
IGN संयुक्त राष्ट्र के भीतर एक आधिकारिक मंच है। इस मंच पर सदस्य देश UNSC में सुधार पर चर्चा और संवाद करते हैं।
UNSC में सुधार के सीमित प्रयास:
- UNSC में अंतिम बार वर्ष 1965 में सुधार किया गया था। तब इसमें गैर-स्थायी सदस्यों की संख्या को 11 से बढ़ाकर 15 किया गया था।
- UNSC के पांचों स्थायी सदस्यों (P-5) ने अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए वीटो पावर का इस्तेमाल किया है।
UNSC सुधारों पर भारत का पक्षः
- भारत स्थायी और अस्थायी, दोनों प्रकार की सदस्यताओं में विस्तार की मांग करता रहा है। भारत वीटो पावर को समाप्त करने के पक्ष में है।
- भारत भौगोलिक आधार पर समान प्रतिनिधित्व का पक्षधर है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत का दावा निम्नलिखित वस्तुनिष्ट मानदंडों पर आधारित है:
G-77 और गुट-निरपेक्ष आंदोलन जैसे ग्लोबल साउथ (दक्षिणी देशों) के मंचों का नेतृत्व, जनसंख्या, भू–भाग का आकार, सकल घरेलू उत्पाद, सांस्कृतिक विविधता, राजनीतिक व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में योगदान- विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में योगदान ।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बारे में
- यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत स्थापित संयुक्त राष्ट्र संघ के छह मुख्य अंगों में से एक है। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।
- इसकी प्राथमिक जिम्मेदारी अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की है।
- केवल UNSC के पास ऐसे निर्णय लेने की शक्ति है, जिसे सदस्य देश चार्टर के तहत लागू करने के लिए बाध्य हैं।
- सदस्यः वीटो पावर प्राप्त 5 स्थायी सदस्य हैं: चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका। 10 अस्थायी सदस्य हैं, जिनके पास वीटो पावर नहीं हैं।
स्रोत –द हिन्दू