बच्चों की सामाजिक सुरक्षा पर ILO एवं यूनिसेफ की दूसरी संयुक्त रिपोर्ट जारी

बच्चों की सामाजिक सुरक्षा पर ILO एवं यूनिसेफ की दूसरी संयुक्त रिपोर्ट जारी

हाल ही में बच्चों की सामाजिक सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) – संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की दूसरी संयुक्त रिपोर्ट जारी हुई है।

यह रिपोर्ट “एक बिलियन से अधिक कारण : बच्चों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा निर्मित करने की तत्काल आवश्यकता शीर्षक से जारी की गई है।

इस रिपोर्ट में सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने और जोखिम में फंसे हर बच्चे तक इनका लाभ पहुंचाने की साझी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • वैश्विक स्तर पर, प्रत्येक 4 बच्चों में से केवल 1 बच्चे (0-15 वर्ष आयु वर्ग) को सामाजिक सुरक्षा प्राप्त है।
  • विश्व में 2.4 बिलियन बच्चों को पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा की जरूरत है। हालांकि, बच्चों के गरीबी में रहने की संभावना वयस्कों की तुलना में अभी भी दोगुनी है।
  • विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा से वंचित बच्चों की बढ़ती संख्या से, SDG -1 और SDG-10 जैसे सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति बाधित हो सकती है।
  • विदित हो कि SDG-1 निर्धनता का उन्मूलन और SDG – 10 असमानता में कमी से संबंधित है।
  • बच्चे जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, वे बढ़ रही हैं। कोविड – 19 महामारी, जीवनयापन की बढ़ती लागत, जलवायु आपदा जैसे संकट इन चुनौतियों को और जटिल बना रहे हैं।
  • सामाजिक सुरक्षा का आशय संपूर्ण जीवन चक्र में गरीबी और सुभेद्यता को कम करने व रोकने के लिए डिज़ाइन की गई नीतियों एवं कार्यक्रमों के समूह से है।

सामाजिक सुरक्षा के कुछ उदाहरण हैं:

बच्चों और परिवारों के लिए हितलाभ, मातृत्व हितलाभ, बेरोजगारी भत्ता,कार्यस्थल पर चोटिल होने पर वित्तीय या चिकित्सीय सहायता आदि ।

बाल केंद्रित सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता क्यों है?

  • उनकी कार्य उत्पादकता और आय अर्जन की क्षमता को बढ़ाने के लिए;
  • बाल श्रम, लैंगिक असमानता और अपवर्जन जैसी समस्याओं का समाधान करने के लिए;
  • भोजन, पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में वृद्धि करने के लिए आदि ।

बच्चों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा निर्मित करने हेतु 6 महत्वपूर्ण कदमों की सिफारिश की गई है

  • बच्चों के बेहतर जीवनयापन के लिए उनके सार्वभौमिक कवरेज की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की आवश्यकता है ।
  • यह सुनिश्चित करने की जरुरत है कि सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां कार्यशील विश्व (वर्ल्ड ऑफ़ वर्क) में हो रहे विकास के अनुकूल हों ।
  • अधिकार आधारित, समावेशी, लैंगिक रूप से अनुक्रियाशील व सूचना आधारित सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों को अपनाना आवश्यक है।
  • सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों का सतत और न्यायसंगत वित्त पोषण सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।
  • बच्चों के जीवन में सार्थक बदलाव के लिए पर्याप्त लाभ स्तर की गारंटी सुनिश्चित की जानी चाहिए ।
  • जीवन-चक्र दृष्टिकोण के माध्यम बच्चों और परिवारों को सहयोग देने वाले लाभों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान की जानी चाहिए ।

स्रोत – यूनिसेफ

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