UNHCR द्वारा वार्षिक रिपोर्ट ‘ग्लोबल ट्रेंड्सः फोर्ल्ड डिस्प्लेसमेंट इन 2021’ जारी
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) ने वार्षिक रिपोर्ट ‘ग्लोबल ट्रेंड्सः फोर्ल्ड डिस्प्लेसमेंट इन 202’ (‘Global Trends: Forced Displacement in 2021’) जारी की है ।
रिपोर्ट निम्नलिखित से जुड़े प्रमुख सांख्यिकीय रुझान और उनकी हालिया संख्या बताती है:
- शरणार्थी,
- शरण की मांग करने वाले,
- आंतरिक रूप से विस्थापित लोग,
- विश्व भर में राज्य विहीन (stateless) व्यक्ति,
- और जो अपने मूल देश या मूल क्षेत्र में लौट आए हैं।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष–
- वर्ष 2021 के अंत तक, युद्ध, हिंसा, उत्पीड़न और मानवाधिकारों के हनन से विस्थापित होने वालों की संख्या 93 करोड़ थी। यह संख्या एक वर्ष पहले की तुलना में 8% अधिक है।
- वर्ष 2021 में जलवायु परिवर्तन और आपदाओं के कारण भारत में लगभग 50 लाख लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए थे।
- अपने ही देश के भीतर विस्थापित हुए लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित कहा जाता है।
- वर्ष 2021 में आपदाओं की वजह से सबसे बड़ा विस्थापन चीन में हुआ (60 लाख लोग) था।
- व्यक्तिगत शरण के लिए विश्व में सर्वाधिक आवेदन अमेरिका को प्राप्त हुए थे। जर्मनी दूसरे स्थान पर था।
- सभी शरणार्थियों में से 69% केवल पांच देशों से आए थे। ये देश निम्नलिखित हैं:
- सीरियाई अरब गणराज्यः 68 लाख, वेनेजुएलाः 46 लाख, अफगानिस्तान: 27 लाख, दक्षिण सूडानः 24 लाख, और म्यांमारः 12 लाख।
- बच्चे विश्व की आबादी का 30% हिस्सा हैं, लेकिन सभी जबरन विस्थापित लोगों में उनका 41% हिस्सा है।
- 57 लाख विस्थापित लोग वर्ष 2021 में अपने क्षेत्रों या मूल देशों में लौट आए। इनमें 53 लाख आंतरिक रूप से विस्थापित लोग और 429,300 शरणार्थी शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR)
- एक एक वैश्विक संगठन है। यह शरणार्थियों, जबरन विस्थापित समुदायों और राज्य विहीन लोगों का जीवन बचाने, उनके अधिकारों की रक्षा करने तथा उनके लिए बेहतर भविष्य के निर्माण के प्रति समर्पित है।
- इसका गठन वर्ष 1950 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की परिस्थितियों में हुआ था।
स्रोत -द हिन्दू