संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट (UN WWDR 2022) जारी
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट (United Nations World Water Development Report: UN WWDR 2022) जारी की गयी है
यह रिपोर्ट “ग्राउंडवाटरः मेकिंग द इनविजिबल विजिबल” (भूजलः अदृश्य को दृश्यमान बनाना) नामक शीर्षक से जारी की गयी है।
इस रिपोर्ट में भूजल के विकास, प्रबंधन और गवर्नेस से जुड़ी चुनौतियों एवं अवसरों का वर्णन किया गया है।
यह रिपोर्ट यू.एन.-वाटर की ओर से यूनेस्को द्वारा जारी की जाती है। यू.एन.-वाटर जल और स्वच्छता के मुद्दों पर कार्य कर रहे संयुक्त राष्ट्र के संस्थानों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रयासों का समन्वय करता है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- वर्तमान में वैश्विक आबादी घरेलू उपयोग के लिए भूजल के लगभग 50 प्रतिशत भाग का उपयोग कर रही है।
- इसी प्रकार, सिंचाई के लिए भूजल के लगभग 25 प्रतिशत भाग का उपयोग किया जा रहा है।
- दुनिया भर में लगभग चार अरब लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जहां साल में कम-से-कम एक महीने के लिए जल का गंभीर संकट बना रहता है।
- भूजल के विकास से सिंचित क्षेत्रों का विस्तार होगा। इससे कृषि उपज में बढ़ोतरी होगी और फसल विविधता में भी सुधार होगा। ।
- इस प्रकार, भूजल का विकास आर्थिक वृद्धि के लिए एक मुख्य स्रोत के रूप में भी कार्य करेगा।
- भारत, विश्व में भूजल का सबसे अधिक उपयोग करने वाला देश है। इस मामले में, भारत के बाद चीन और पाकिस्तान का स्थान है।
- चीन, भारत, ईरान, पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका लगभग 70% अनसस्टेनेबल वाटर फुटप्रिंट के लिए जिम्मेदार हैं।
- वाटर फुटप्रिंट वस्तुतः उत्पादों और/या सेवाओं के उत्पादन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उपयोग किए जाने वाले ताजे जल का एक माप है।
इस रिपोर्ट में की गयी मुख्य सिफारिशें:
- निगरानी के लिए भूजल डेटा एकत्र किया जाना चाहिए।
- भूजल प्रदूषण को रोकने के लिए पर्यावरण से जुड़े विनियमों को मजबूत किया जाना चाहिए।
- श्रम बल, सामग्रियों और वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने की जरूरत है। संस्थानों तथा स्थानीय और राष्ट्रीय सरकार में कर्मचारियों के बीच भूजल पेशेवरों की संख्या बढ़ाकर ऐसा किया जा सकता है।
- भूजल विभागों/एजेंसियों का वित्तपोषण और उन्हें सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।
स्रोत –द हिन्दू