उड़ान योजना (उड़े देश का आम नागरिक )
हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार उड़ान योजना के तहत प्रति 4 मार्गों में से, केवल 1 मार्ग ही परिचालन मे है।
नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार, क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) के अंतर्गत 94 उड़ान (योजना) मार्गों ने 3 वर्ष पूरे कर लिए हैं। वर्तमान में इनमें से केवल 22 मार्ग ही परिचालन में है। इसके अलावा, एयरलाइंस और हेलीकॉप्टर परिचालकों को सौंपे गए 948 मागों में से केवल 403 मार्गों पर ही परिचालन शुरू हो पाया है।
मंत्रालय के अनुसार योजना के कार्यान्वयन में निम्नलिखित चुनौतियां हैं:
- एयरलाइन व्यवसाय अब कठिन हो गया है। इसमें लाभ की तुलना में परिचालन लागत अधिक है।
- दिल्ली और मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले हवाई अड्डों पर परिचालन स्लॉट की कमी है।
- छोटे विमान उपलब्ध नहीं हैं।
- रखरखाव के मुद्दे भी विद्यमान हैं। विमानों के कलपुर्जे विदेशों से खरीदने पड़ते हैं।
- धन की कमी और भूमि की अनुपलब्धता के कारण हवाई अड्डों के विकास कार्यों को पूरा करने में देरी हो रही है।
उड़ान योजना के बारे में
- उड़े देश का आम नागरिक (UDAN) योजना वर्ष 2016 में शुरू की गई थी। इसे क्षेत्रीय संपर्क योजना (Regional Connectivity Scheme: RCS) के रूप में भी जाना जाता है।
- इस योजना का उद्देश्य हवाई किराये को किफायती बनाना है, ताकि आम जनता भी हवाई जहाजों में यात्रा कर सके। इसके अतिरिक्त, यह टियर-2 और टियर-3 शहरों के लिए हवाई संपर्क में सुधार करने पर भी केंद्रित है।
- इस योजना के तहत, एयरलाइंस को विमान में 50 प्रतिशत सीटों के लिए प्रति घंटे की उड़ान हेतु प्रति सीट किराया निश्चित करना होता है। यह अधिकतम 2,500 रुपये तक हो सकता है। इसके प्रतिलाभ में उन्हें कुछ अन्य लामों के साथ-साथ सरकार से व्यवहार्यता अंतराल वित्तपोषण (viability gap funding) अर्थात् सब्सिडी प्राप्त होती है।
स्रोत –द हिन्दू