भारत – संयुक्त अरब अमीरात (UAE) व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA)
हाल ही में भारत के प्रधान मंत्री ने भारतीय निर्यातकों द्वारा भारत – संयुक्त अरब अमीरात (UAE) व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) का सदुपयोग करने की सराहना की है।
भारत-यूएई CEPA पिछले एक दशक में भारत द्वारा किसी भी देश के साथ हस्ताक्षरित पहला विस्तृत और पूर्ण मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है।
यह समझौता आधिकारिक तौर पर मई 2022 में प्रभावी हुआ था ।
इसमें वस्तुओं का व्यापार, उत्पत्ति के नियम ( रूल्स ऑफ ओरिजिन), सेवाओं का व्यापार, व्यापार में तकनीकी बाधाएं (TBT), सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी (SPS) उपाय, विवाद समाधान से संबंधित समझौते आदि शामिल हैं।
इससे पहले भारत ने जापान और दक्षिण कोरिया के साथ CEPA संपन्न किया है।
भारत – यूएई CEPA का महत्त्व
इस समझौते से अगले पांच वर्षों के दौरान द्विपक्षीय वस्तु व्यापार के 100 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंचने की उम्मीद है। इसी तरह सेवाओं में व्यापार के 15 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंचने की अपेक्षा है।
भारत से संयुक्त अरब अमीरात को निर्यात किए जाने वाले लगभग 90% उत्पादों पर सीमा शुल्क समाप्त कर दिया गया है।भारत से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा आदि शामिल हैं।
इस समझौते से लाभान्वित होने वाला निर्यात, यूएई को भारत के कुल गैर-तेल शिपमेंट का लगभग 60% हिस्सा है।
भारत-यूएई संबंध:
संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। इसके अलावा, यह भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी है
संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों की सबसे बड़ी संख्या है। ये प्रवासी भारत को प्राप्त होने वाले उच्च विप्रेषण (remittances) के मुख्य स्रोत हैं ।
संयुक्त अरब अमीरात के नईफ – 1 नैनो सैटेलाइट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो / ISRO) ने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।
मुक्त व्यापार समझौता (FTA): मुक्त व्यापार समझौता (FTA) एक प्रकार का व्यापार समझौता होता है । इसके तहत दो या दो से अधिक देश भागीदार देश को तरजीही व्यापार शर्तें, टैरिफ रियायत आदि प्रदान करने के लिए सहमत होते हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.