हाल ही में 3 महिला न्यायाधीशों सहित उच्चतम न्यायालय में नौ नए न्यायाधीशों की नियुक्ति
हाल ही में 3 तीन महिला न्यायाधीशों सहित उच्चतम न्यायालय में नौ नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई उच्चतम न्यायालय के इतिहास में ऐसा प्रथम बार होगा, जब एक ही समय में नौ न्यायाधीश पद की शपथ ग्रहण करेंगे।
इससे उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी। ज्ञातव्य है कि उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत संख्या 34 है।
न्यायपालिका में महिलाएं
- वर्ष 1989 में एम. फातिमा बीवी से आरंभ होकर वर्तमान तक (विगत 71 वर्षों में) केवल आठ महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है।
- न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी 7 अगस्त, 2018 को पदोन्नत होने के पश्चात् शीर्ष न्यायालय में एकमात्र सेवारत महिला न्यायाधीश हैं।
महिलाओं के प्रवेश के समक्ष चुनौतियां
- जिला न्यायाधीशों के रूप में महिलाओं की भर्ती में प्रमुख बाधा प्रवेश परीक्षा देने के लिए पात्रता संबंधी मानदंड हैं।
- अधिवक्ताओं को सात वर्ष की निरंतर विधिक प्रैक्टिस की आवश्यकता होती है। साथ ही, उन्हें अनिवार्य रूप से 35-45 वर्ष के आयु वर्ग में होना चाहिए।
- यह महिलाओं के लिए प्रतिकूल है, क्योंकि इस आयु में अनेक महिलाओं का विवाह हो जाता है।
- इसके अतिरिक्त, कानून में लम्बे और अनम्य कार्य के घंटे तथा साथ में पारिवारिक जिम्मेदारियां, अनेक महिलाओं को प्रैक्टिस छोड़ने के लिए बाध्य करती हैं। इसके परिणामस्वरूप वे निरंतर प्रैक्टिस की आवश्यकता को पूर्ण करने में विफल हो जाती हैं।
स्रोत – द हिन्दू