भारतीय चिड़ियाघरों के लिए “विजन प्लान (2021-2031)”
हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) ने भारतीय चिड़ियाघरों के लिए “विजन प्लान (2021-2031)” जारी किया है।
- इसका उद्देश्य भारतीय चिड़ियाघरों को वैश्विक मानकों के अनुसार उन्नत (अपग्रेड) करना तथा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) को और बेहतर करना है।
- वर्ष 1998 की राष्ट्रीय चिड़ियाघर नीति के अनुसार, CZA का प्राथमिक अधिदेश देश की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण में राष्ट्रीय प्रयासों में सहयोग करना और उन्हें मजबूती प्रदान करना है।
- CZA, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय है।
- देश के प्रत्येक चिड़ियाघर को अपने संचालन के लिए प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त करना आवश्यक है
- यह योजना विशिष्ट पशु देखभाल व अत्याधुनिक अनुसंधान प्रदान करके CZA और भारतीय चिड़ियाघरों को संरक्षण हेतु व्यापक रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- चिड़ियाघर बाह्य स्थाने संरक्षण (ex-situ conservation) और अधिगम केंद्र के रूप में कार्य करते हैं।
भारत में चिड़ियाघर:
- भारतीय संसद ने वर्ष 1991 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम में संशोधन किया था। इस संशोधन का उद्देश्य चिड़ियाघरों के प्रबंधन के लिए अनिवार्य मानकों और मानदंडों को लागू करना था।
- भारत में चिड़ियाघर वन (संरक्षण) अधिनियम {Forest (Conservation) Act), 1980 और वन(संरक्षण) नियम (Forest Conservation Rules) 2003 द्वारा निर्देशित हैं।
योजना में संरक्षण के अंतर्गत प्रजनन, पशु कल्याण, वैज्ञानिक अनुसंधान, संधारणीयता आदि लक्ष्यों में परिवर्तन के 10 स्तंभों को दर्शाया गया है।
- लुप्तप्राय स्थानिक प्रजातियों के बाह्य स्थाने संरक्षण को सुदृढ़ करना।
- जंतुओं के कल्याण हेतु अधिकतम प्रयास करना।
- बचाए गए जंतुओं का उन्नत प्रबंधन करना।
- विज्ञान आधारित संरक्षण कार्य – को उत्प्रेरित करना।
- आजीवन एक शिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करना।
- आगंतुकों के अनुभवों को बेहतर करना।
- बुनियादी ढांचे का उन्नयन, पर्यावरणीय संधारणीयता उपायों को शामिल करना।
- आर्थिक रूप से संधारणीय व्यापार मॉडल निर्मित करना।
- कुशल, प्रेरित और सशक्त टीमों का विकास करना।
- पहँच का विस्तार करने, प्रभाव और समग्र दक्षता के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ प्राप्त करना।
स्रोत –द हिन्दू