सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) तकनीक का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण
हाल ही में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) तकनीक का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है।
- SFDR एक मिसाइल प्रणोदन प्रणाली है। इसमें एक कम धुंए वाला नोजल-लेस मिसाइल बूस्टर होता है। इसके साथ ही एक थस्ट मॉड्यूलेटेड डक्टेड रॉकेट भी होता है।
- इसमें ठोस ईंधन वाले एयर ब्रीथिंग रैमजेट इंजन का उपयोग किया गया है। ठोस प्रणोदक रॉकेट के विपरीत, रैमजेट उड़ान के दौरान वायुमंडल से ऑक्सीजन लेता है। इस प्रकार, यह वजन में हल्का होता है और अपने साथ अधिक ईंधन ले जा सकता है।
- DRDO के अनुसार, SFDR-आधारित प्रणोदन द्वारा कोई मिसाइल सुपरसोनिक गति से बहुत लंबी दूरी पर हवाई खतरों को इंटरसेप्ट कर सकती है। SFDR लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को विकसित करने में मदद करता है।
- रैमजेट एक प्रकार का एयर ब्रीथिंग जेट इंजन है। यह बिना घूमने वाले कंप्रेसर का उपयोग करके सामने से आ रही हवा को दहन के लिए संपीडित करने हेतु यान के फॉरवर्ड मोशन का उपयोग करता है।
- रैमजेट, सुपरसोनिक गति अर्थात लगभग मैक 3 (ध्वनि की गति से जेट इंजन तीन गुना) पर सबसे अधिक कुशलता से कार्य करता है।
- उल्लेखनीय है कि यह मैक 6 की गति तक कार्य कर सकता है। हालांकि, रैमजेट की दक्षता हाइपरसोनिक गति पर कम होने लगती है।
अन्य प्रकार की एयर–ब्रीथिंग प्रणालियां
- स्क्रैमजेट (सुपरसोनिक कम्बशन रैमजेट) इंजनः यह रैमजेट इंजन का सुधरा हुआ रूप है। यह हाइपरसोनिक गति पर कुशलतापूर्वक संचालित होता है। इसमें सुपरसोनिक दहन की क्षमता भी है।
- डुअल–मोड रैमजेट (DMRJ): यह एक प्रकार का जेट इंजन है। इसमें एक रैमजेट मैक 4-8 की रेंज पर एक स्क्रैमजेट में रूपांतरित हो जाता है। इसका अर्थ है कि यह सबसोनिक और सुपरसोनिक दहनशील मोड, दोनों में कुशलता से परिचालन कर सकता है।
स्रोत –द हिन्दू