दूरसंचार सचिव ने टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) की रिपोर्ट जारी

दूरसंचार सचिव ने टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) की रिपोर्ट जारी

हाल ही में दूरसंचार सचिव ने टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) की रिपोर्ट जारी की है ।

  • इस रिपोर्ट का शीर्षक है- “स्ट्रीट फर्नीचर का उपयोग करके 5जी नेटवर्क के लिए छोटे सेल की शुरुआत” (Rollout of Small Cells for 5G Networks by leveraging Street Furniture) ।
  • स्मॉल सेल एक सेल्युलर बेस स्टेशन होता है। इसका कवरेज क्षेत्र दस मीटर से लेकर कई सौ मीटर तक हो सकता है। हालांकि, सामान्य मोबाइल मैक्रो सेल का कवरेज क्षेत्र कई किलोमीटर तक हो सकता है। इस प्रकार मैक्रो सेल का कवरेज क्षेत्र, स्मॉल सेल के कवरेज क्षेत्र से अधिक होता है।
  • ट्राई (TRAI) ने स्मॉल सेल्स लगाने के लिए स्ट्रीट फर्नीचर्स की उपयुक्त संपत्ति के रूप में पहचान की है।
  • स्ट्रीट फर्नीचर्स का आशय सड़क पर लगे बिजली के खंभों, विज्ञापन होर्डिंग्स, बस शेल्टर्स और टावर्स से है।

अलग-अलग प्रकार के 5G स्मॉल सेल्स संस्करण निम्नलिखित हैं:

  • फेमटोसेल्स (Femtocell): इनका कवरेज क्षेत्र 10 मीटर तक होता है।
  • पीकोसेल्स (Picocell): इनका कवरेज क्षेत्र 200 मीटर तक होता है।
  • माइक्रोसेल्स (Microcells): इनका कवरेज क्षेत्र लगभग दो किलोमीटर तक होता है।

5जी नेटवर्क में स्मॉल सेल्स की आवश्यकता क्यों है?

  • ऑफलोडिंग हेतुः किसी क्षेत्र के मैक्रो साइट पर दबाव बढ़ने से वह संबंधित क्षेत्र की संपूर्ण आबादी को सेवा प्रदान करने में असमर्थ हो जाता है।
  • क्षमता वृद्धि हेतुः किसी बिल्डिंग/क्षेत्र को सेवा प्रदान करने वाले मैक्रो साइट, उस बिल्डिंग/क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पर्याप्त क्षमता के साथ सेवा प्रदान नहीं कर पाते हैं। बेसमेंट, भूमिगत मेट्रो सुरंगों आदि में इंडोर कवरेज प्रदान करने के लिए भी इसकी आवश्यकता है।

इससे संबंधित मुद्दे:

  • अभी स्मॉल सेल्स के संबंध में कोई नियामकीय व्यवस्था नहीं है।
  • राज्यों और नगरपालिका निकायों द्वारा राईट ऑफ वे (Row) नियमों का असमान रूप कार्यान्वयन किया जाता है।
  • स्थिरता संबंधी मुद्देः इसके तहत बिजली के खंभों द्वारा स्मॉल सेल्स के भार को सहन करने की क्षमता और खंभों के गिरने की संभावना जैसे मुद्दे शामिल हैं।

इस संबंध में किए जाने वाले उपाय:

  • स्मॉल सेल्स के संबंध में बिल्डिंग/स्ट्रीट फर्नीचर परमिट के लिए सरलीकृत और सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं को अपनाया जाना चाहिए।
  • नये साइट्स के अधिग्रहण (acquisition) को सुगम बनाने हेतु मानदंड तैयार करना चाहिए।
  • उपलब्ध संपत्तियों जैसे कि टावर्स, बिल्डिग्स एवं अन्य संरचनाओं के संबंध में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

स्रोत –द हिंदू

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