राज्य विधान-मंडलों के पास अन्य राज्यों द्वारा आयोजित लॉटरी पर कर लगाने का अधिकार
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि, राज्य विधान-मंडलों के पास अन्य राज्यों द्वारा आयोजित लॉटरी पर कर लगाने का अधिकार है ।
न्यायालय का यह निर्णय कर्नाटक और केरल सरकारों द्वारा दायर अपीलों पर आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक और केरल उच्च न्यायालयों के उन आदेशों को भी रद्द कर दिया, जिनमें कहा गया था कि इन राज्यों के पास लॉटरी पर कर लगाने के लिए विधायी शक्ति की कमी है।
इस मामले में शामिल मुद्देः
- क्या “सट्टेबाजी और जुए” (betting and gambling) में ‘लॉटरी शामिल है?
- क्या राज्यों के पास राज्य सूची की प्रविष्टि 62 (Entry 62) के अनुसार, उन पर कर लगाने की शक्ति है?
- क्या संघ सूची की प्रविष्टि 40 अन्य राज्यों द्वारा आयोजित लॉटरियों पर कर लगाने के लिए राज्यों की शक्ति को प्रतिबंधित करती है?
इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने क्या कहा?
- लॉटरी ‘सट्टेबाजी और जुए’ के दायरे में आती है। यह सातवीं अनुसूची की सूची-1 की प्रविष्टि 34 में राज्य सूची के एक विषय के रूप में शामिल है।
- सूची- (यानी संघ सूची) की प्रविष्टि 40 के तहत भारत सरकार या किसी राज्य सरकार द्वारा आयोजित की गई लॉटरी को छोड़कर, अन्य लॉटरियां राज्य सूची के विषय में आती हैं।
- सूची की प्रविष्टि 40, अन्य राज्यों की लॉटरियों पर कर लगाने की राज्यों की शक्ति को समाप्त नहीं करती है।
- न्यायालय ने माना कि जब दो प्रविष्टियों के बीच सीधे तौर पर ओवरलैपिंग की समस्या उत्पन्न हो जाये, तब एक कानून एवं प्रविष्टि की वास्तविक प्रकृति का पता लगाने के लिए “तत्व और सार का सिद्धांत (doctrine of pith and substance) लागू किया जाना चाहिए। इससे पता लगाया जा सकता है कि कौन-सा विषय किस सूची में आता है।
- वित्त अधिनियम, 1994 में “सट्टेबाजी या जुए” को परिभाषित किया गया है।
- इसके अनुसार, सट्टेबाजी या जुआ से आशय किसी खेल या प्रतियोगिता के परिणाम पर पैसे या किसी मूल्यवान चीज का दांव लगाने से है, जहाँ पैसे डूबने का जोखिम और साथ ही बहुत अधिक पैसा कमाने का लोभ शामिल होता है। ऐसे खेल या प्रतियोगिता के परिणाम संयोग से या दुर्घटनावश निर्धारित होते हैं, या कुछ होने या न होने की संभावना पर आधारित होते हैं।
- लॉटरी को सातवी अनुसूची की सूची-की प्रविष्टि 40 के तहत सूचीबद्ध किया गया है। लॉटरियां लॉटरी (रेगुलेशन) एक्ट द्वारा शासित हैं।
स्रोत -द हिन्दू