स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 पुरस्कारों की घोषणा
हाल ही में ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023’ के पुरस्कारों की घोषणा मध्य प्रदेश के भोपाल में ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा की गई ।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण (SVS)
- यह पर्यावरण, ‘वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ द्वारा वायु गुणवत्ता के आधार पर शहरों को रैंक प्रदान करने और 131 गैर-प्राप्ति शहरों में शहर कार्य योजना (NCAP) के तहत अनुमोदित गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिये एक नई पहल है।
- शहरों का वर्गीकरण 2011 की जनसंख्या जनगणना के आधार पर किया गया है।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 के मुख्य बिंदु:
- प्रथम श्रेणी (मिलियन प्लस आबादी) के अंतर्गत इंदौर पहले स्थान पर रहा, इसके बाद आगरा और ठाणे का स्थान रहा।
- सबसे खराब प्रदर्शन: मदुरै (46), हावड़ा (45) और जमशेदपुर (44)।
- दूसरी श्रेणी (3-10 लाख आबादी) में अमरावती को पहला स्थान मिला, इसके बाद मुरादाबाद और गुंटूर ने तीसरा स्थान हासिल किया।
- सबसे खराब प्रदर्शन: जम्मू (38), गुवाहाटी (37) और जालंधर (36)।
- इसी तरह तीसरी श्रेणी (3 लाख से कम आबादी) के लिए परवाणू ने पहला स्थान प्राप्त किया। इसके बाद कालाअंब और अंगुल ने दूसरा स्थान हासिल किया।
- सबसे खराब प्रदर्शन: कोहिमा (39)।
इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काई
- ये सभी पुरस्कार चौथे “इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काई” के अवसर पर प्रदान किये गए हैं । इस वर्ष इस दिवस की थीम थी- “स्वच्छ हवा के लिए एक साथ” (Together for Clean Air)
- वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये जागरूकता बढ़ाने और कार्यों को सुविधाजनक बनाने के लिये प्रत्येक वर्ष, 7 सितंबर को, दुनिया “नीले आसमान के लिए स्वच्छ वायु अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ (International Day of Clean Air for blue skies) मनाती है।
- इसे वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा घोषित किया गया था।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP)
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) का उद्देश्य सभी हितधारकों को शामिल करके और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर वायु प्रदूषण को व्यवस्थित रूप से संबोधित करना है।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत शहर विशिष्ट कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 131 शहरों को चिन्हित किया गया है।
- समयबद्ध कमी के लक्ष्य के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये एक राष्ट्रीय ढाँचा तैयार करने का यह देश में पहला प्रयास है।
- इसका लक्ष्य अगले पाँच वर्षों (तुलना के लिये आधार वर्ष- 2017) में मोटे (PM10) और महीन कणों (PM5) की सांद्रता में कम-से-कम 20% की कमी करना है।
- NCAP के अंतर्गत मंत्रालय ने NCAP के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक पोर्टल ‘प्राण’ (PRANA) भी लॉन्च किया है।
- इस पोर्टल में शहरों, राज्यों और लाइन मंत्रालयों की कार्य योजनाओं को प्रतिबिंबित किया जाएगा और उनके कार्यान्वयन की स्थिति के लिए निगरानी की जाएगी।
स्रोत – पी.आई.बी.