द स्टेट ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर 2022 रिपोर्ट
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र-खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने ‘द स्टेट ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर 2022: लीवरेजिंग ऑटोमेशन टू ट्रांसफॉर्म एग्रीफूड सिस्टम’ नामक एक रिपोर्ट जारी की है।
यह रिपोर्ट इस तथ्य का विश्लेषण करती है कि हमारी कृषि-खाद्य प्रणालियों में स्वचालन (ऑटोमेशन) किस प्रकार सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान दे सकता है।
कृषि में स्वचालन के लाभ–
- यह कृषि में श्रम उत्पादकता और लाभप्रदता में वृद्धि करता है।
- कृषि श्रमिकों के लिए कार्यदशा और आय में सुधार करता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता के नए अवसर पैदा करता है।
- खाद्य के नुकसान को कम करता है तथा उत्पाद की गुणवत्ता और संरक्षण में सुधार करता है।
चुनौतियां–
- स्वचालन की अनुपलब्धता असमानता को बढ़ाती है। इससे छोटे स्तर के उत्पादक और हाशिए पर रहने वाले समूह (जैसे-युवा एवं महिलाए) प्रभावित होते हैं।
- बड़ी मोटर चालित मशीनरी जैसी प्रौद्योगिकियां मोनोकल्चर और मृदा अपरदन को बढ़ावा देती हैं। इससे नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव पैदा होता है।
- स्वचालन उन क्षेत्रों में बेरोजगारी को बढ़ावा दे सकता है, जहां ग्रामीण श्रमिकों की संख्या अधिक है और मजदूरी कम है।
- स्वचालन को अपनाने को लेकर देशों के भीतर और देशों के मध्य व्यापक असमानताएं मौजूद हैं। उदाहरण के लिए अधिकांश उप-सहारा अफ्रीका में इसे सीमित रूप में अपनाया गया है।
सुझाव–
- श्रमिकों की अधिकता को देखते हुए नीति निर्माताओं को स्वचालन अपनाने के लिए सब्सिडी देने से बचना चाहिए। इसकी बजाय इसे अपनाने के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
- कम कुशल श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए, क्योंकि नई प्रौद्योगिकी अपनाने के क्रम में इनकी रोजगार हानि का अधिक खतरा होता है।
खाद्य और कृषि संगठन (FAO)
- खाद्य और कृषि संगठन की स्थापना वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ के तहत की गई थी, यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।
- प्रत्येक वर्ष विश्व में 16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। यह दिवस FAO की स्थापना की वर्षगाँठ की याद में मनाया जाता है।
- यह संयुक्त राष्ट्र के खाद्य सहायता संगठनों में से एक है जो रोम (इटली) में स्थित है। इसके अलावा विश्व खाद्य कार्यक्रम और कृषि विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय कोष (IFAD) भी इसमें शामिल हैं।
स्रोत – द हिन्दू