राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1
नीति आयोग ने राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 (State Energy – Climate Index: SECI-1) जारी किया है।
इस सूचकांक का उद्देश्य बेहतर प्रदर्शन करने के लिए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्ध विकसित करना है। साथ ही उपयोगकर्ताओं को उनके राज्यों में गुणवत्तापूर्ण ऊर्जा सेवाएं प्रदान करना है।
यह सूचकांक वर्ष 2019-20 के आंकड़ों पर आधारित है।
राज्यों को उनके आकार और भौगोलिक अंतर के आधार पर बड़े राज्यों, छोटे राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। सूचकांक 6 मापदंडों के आधार पर राज्यों के प्रदर्शन की रैंकिंग करता है।
सूचकांक के मुख्य निष्कर्ष
- गुजरात, केरल (ऊर्जा की पहुंच, सामर्थ्य एवं विश्वसनीयता श्रेणी), और पंजाब (डिस्कॉम का प्रदर्शन) को बड़े राज्यों की श्रेणी में शीर्ष तीन प्रदर्शनकर्ताओं के रूप में स्थान दिया गया है।
- छोटे राज्यों की श्रेणी में क्रमशः गोवा, त्रिपुरा और मणिपुर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं।
- केंद्र शासित प्रदेशों में क्रमशः चंडीगढ़, दिल्ली, दमन एवं दीव/दादरा और नगर हवेली शीर्ष प्रदर्शनकर्ता हैं।
सूचकांक का महत्वः
- राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने समकक्षों के प्रदर्शन को मानक के रूप में इस्तेमाल कर अपने प्रदर्शन में सुधार करेंगे।
- बेहतर नीतिगत तंत्र विकसित करने में आने वाली संभावित चुनौतियों का विश्लेषण करेंगे।
- अपने ऊर्जा संसाधनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करेंगे।
प्रमुख सिफारिशें:
- अन्य राज्य, बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में सभी संकेतकों के मामले में सर्वोत्तम उपायों को अपना सकते हैं। इस प्रकार वे अपना प्रदर्शन सुधार सकते हैं।
- राज्य सरकारों को डेटा अपडेट रखने और इनका सत्यापन करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे उन्हें बेहतर नीतियां तैयार करने में मदद मिलेगी।
स्रोत –द हिन्दू