दलहन की कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित

दलहन की कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित

हाल ही में सरकार दलहन की कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है । दलहन की कीमतों पर सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए कुछ उपाय किए हैं। इससे दालों की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई है।

ये उपाय निम्नलिखित हैं:

  • आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत मूंग को छोड़कर शेष सभी दालों पर स्टॉक सीमा लागू की गयी है।
  • किसी वस्तु को ‘आवश्यक घोषित करके, सरकार उस वस्तु के उत्पादन, आपूर्ति और वितरण को नियंत्रित कर सकती है। इससे सरकार उस वस्तु की स्टॉक की सीमा भी निर्धारित कर सकती है।
  • दालों के लिए मुक्त आयात नीति विंडो को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।

सरकार द्वारा किए गए इन उपायों के उद्देश्यः

  • मानसून (जून व जुलाई के बीच) में बाधा और अत्यधिक वर्षा की दशा में घरेलू उत्पादन में कमी को रोकना।
  • आयातकों को दालों की खरीद करने और उन्हें भारत लाने के लिए पर्याप्त समय देना।

दलहन के बारे में

  • दलहन फलीदार पादप कुल (लैग्यूम) के पौधों के खाने योग्य बीज होते हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने 11 प्रकार की दालों को मान्यता प्रदान की है। इनमें सूखी फलियाँ, सूखे मटर, काबुली चना आदि शामिल हैं। भारत विश्व में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक (वैश्विक उत्पादन का 25%) है।
  • साथ ही, यह दलहन का सबसे बड़ा उपभोक्ता (विश्व खपत का 27%) और सबसे बड़ा आयातक (4%) भी है।

दलहन उत्पादन में चुनौतियां

  • दलहन के अंतर्गत लगभग 84% क्षेत्र उत्पादन के लिए वर्षा पर निर्भर है।
  • स्थान विशेष/अनुशंसित उच्च उपज वाली किस्मों (HYVs) के गुणवत्ता प्रमाणित बीज उपलब्ध नहीं हैं।
  • फसल के बाद की जरूरी अवसंरचना अपर्याप्त हैं।

दलहन उत्पादन में सुधार के लिए किए गए उपाय

  • तिलहन, दलहन, ऑयल पाम और मक्का की एकीकृत योजनाएं (ISOPOM): ये योजनाएं बाजार हस्तक्षेप तथा प्रभावी मूल्य निर्धारण नीतियों को मजबूत करने के लिए संचालित की जा रही हैं।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM)-दलहनः यह एक एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  • प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA/पीएम-आशा) के तहत दलहन, तिलहन और खोपरा के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के रूप में मूल्य समर्थन योजना संचालित की जा रही है।
  • इससे जुड़ी एक खबर के अनुसार, गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड ने विभिन्न प्रकार की दालों और सब्जियों की फसलों के लिए उपयोगी कीटनाशक ‘ग्रेसिया’ को बाजार में उतारने की घोषणा की है।

स्रोत: द हिंदू

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