SSIP के तहत प्रथम एग्रीटेक कॉहोर्ट (Agritech Cohort) लॉन्च
हाल ही में साउथ-साउथ इनोवेशन प्लेटफॉर्म (SSIP) के तहत प्रथम एग्रीटेक कॉहोर्ट लॉन्च किया गया है।
एग्रीटेक कॉहोर्ट को अटल नवाचार मिशन (AIM), नीति आयोग और संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (UNCDP) द्वारा संयुक्त रूप से SSIP के तहत प्रारंभ किया गया है। इसका उद्देश्य कोरोना महामारी के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई चुनौतियों से निपटने में एशिया और अफ्रीका के छोटे किसानों की मदद करना है।
SSIP को जुलाई 2021 में AIM व नीतिआयोग द्वारा UNCDF के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य भारत, इंडोनेशिया, मलावी, मलेशिया, केन्या, युगांडा एवं जाम्बिया में उभरते बाजारों के बीच नवाचारों, अंतर्दृष्टि और निवेश के सीमा पार विनिमय को सक्षम बनाना है।
एग्रीटेक को तकनीकी नवाचारों के रूप में परिभाषित किया गया है। ये नवाचार या तो अपशिष्ट, लागत और समय को कम करते हैं या उत्पादकता में सुधार करते हैं या दक्षता एवं उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान कर लाभप्रदता को बढ़ावा देते हैं।
वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट रिपोर्ट तीन सामान्य एग्रीटेक रुझानों की व्याख्या करती है:
- नई तकनीकों (जैसे GM फसलों) का उपयोग करके भिन्न प्रकार से निर्मित उत्पाद ।
- खाद्य उत्पादन को उपभोक्ताओं के समीप लाने के लिए नवीन तकनीकों का उपयोग करना।
- क्रॉस-इंडस्ट्री प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों को शामिल करना।
कृषि-प्रौद्योगिकी (एग्रीटेक) पर ध्यान देने की आवश्यकता इसलिए है, क्योंकि भारत में 50 प्रतिशत सेअधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 15-18 प्रतिशत का योगदान करता है।
भारत में बढ़ती जनसंख्या, वर्धित औसत आय और वैश्वीकरण के प्रभाव से मात्रा, गुणवत्ता एवं पौष्टिक भोजन व विभिन्न प्रकार के खाद्य की मांग बढ़ेगी।
भारत में आरंभ की गई पहलें
- सरकार का किसान सुविधा नामक ऐप किसानों को वर्तमान मौसम, बाजार मूल्य, डीलर की जानकारी, फसलों की सुरक्षा आदि के बारे में निःशुल्क जानकारी प्रदान करता है।
- सरकार ने वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PKVY-रफ्तार) के तहत ‘नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास कार्यक्रम’ शुरू किया था। इसका उद्देश्य इनक्यूबेशन प्रणाली को वित्तीय सहायता प्रदान करके नवाचार और कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का जियो-प्लेटफॉर्म भुवन, जो वृक्षारोपण, कीट निगरानी और मौसम पर मूल्यवान डेटा प्रदान करता है।
स्रोत – द हिन्दू