भारत द्वारा श्रीलंका को निम्न आय वाले देश मानने का आग्रह
हाल ही में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक से श्रीलंका को निम्न आय वाले देश के रूप में फिर से वर्गीकृत करने का आग्रह किया है। भारत ने श्रीलंका को आपातकालीन सहायता राशि देने का भी आग्रह किया है। यह राशि ठीक उसी तरह दी जानी चाहिए, जिस प्रकार से यूक्रेन को आपातकालीन सहायता कार्यक्रम “रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट” (RFI) के तहत सहायता राशि दी जा रही है।
- इसका उद्देश्य श्रीलंका को उसकी ऋण पुनसंरचना में सहायता करना है। इससे श्रीलंका को ऋण सेवा निलंबन पहल (DSSI) और DSSI से परे ऋण प्रबंधन के लिए कॉमन फ्रेमवर्क का पक्षकार बनने में मदद मिलेगी।
- उपर्युक्त व्यवस्थाएं विश्व बैंक,IMF और G-20 की संयुक्त पहलें हैं। ये क्रमशः अल्प विकसित देशों और निम्न आय वाले देशों के लिए हैं।
- इन पहलों का उद्देश्य ऐसे देशों को कोविङ-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुई ऋण संबंधी चुनौतियों से निपटने में मदद करना है।
- ऋण पुनसंरचना से आशय ऐसी प्रक्रिया से है, जिसमें वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे कर्जदार को कर्जदाता आपसी समझौते के अनुसार रियायत प्रदान करता है।
- संप्रभु ऋण संकट की स्थिति तब पैदा होती है, जब कोई देश अपने बिलों का भुगतान करने में असमर्थ हो जाता है, और देश के नेता राजनीतिक कारणों से इन संकेतकों की अनदेखी करते हैं।
संप्रभु ऋण संकट को हल करने के लिए, IMF निम्नलिखित उपाय करता है:
- संप्रमु ऋण जोखिमों की पहचान करने में मदद करता है,
- नीतिगत सलाह प्रदान करता है,
- ऋण प्रबंधन रणनीति तैयार करने में तकनीकी सहायता प्रदान करता है,
- इन देशों को उनके स्थानीय मुद्रा बॉण्ड बाजार विकसित करने में तकनीकी सहायता प्रदान करता है आदि।
स्रोत –द हिन्दू