SIPRI ने जारी की ईयर बुक 2021
हाल ही में, स्वीडन के एक थिंक टैंक ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (SIPRI) ने अपनी 2021 की वार्षिक पुस्तक जारी कर दी है।
‘ईयर बुक’ 2021 के मुख्य तथ्य
- SIPRI कीवर्ष 2021 की वार्षिक बुक अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत में भारत के पास अनुमानतः 156 परमाणु हथियार थे, जबकि पिछले वर्ष की शुरुआत में इनकी संख्या 150 थी।
- इसी तरह पकिस्तान में भी परमाणु हथियारों में वृद्धि हुई है,वर्ष 2020 में पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की संख्या 160 थी, जो इस वर्षबढ़कर 165 हो गई है।
- इसी प्रकार चीन में वर्ष 2020 की शुरुआत में 320 से अधिक परमाणु हथियार थे, जो इस वर्ष बढ़कर 350 हो चुके हैं।
- परमाणु हथियार संपन्न 9 देशों – अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इज़राइल और उत्तर कोरिया – आदि देशों के पास वर्ष 2021 की शुरुआत में कुल 13,080 परमाणु हथियार थे।
- परिणाम के तौर पर हम कह सकते है कि कुल वैश्विक परमाणु हथियारों का 90प्रतिशत से अधिक हिस्सा, रूस और अमेरिका के पास है।
वर्तमान में चिंता का विषय:
- वर्तमान में वैश्विक सैन्य भंडारों में परमाणु हथियारों की कुल संख्या वृद्धि हो रही है, जबकि शीत युद्ध की समाप्ति के पश्चात से हीवैश्विक परमाणु हथियारोंमें कमी होने की प्रवृत्ति चल रही थी, जो अब रुक गई है।इस तरह यह सम्पूर्ण विश्व की शांति लाने के लिए चिंताजनक संकेत है।
- दूसरी सबसे बड़ी चिंता यह है कि भारत और पाकिस्तान, परमाणु युद्ध की सीमा पर एक दूसरे की सुरक्षा को खतरनाक रूप से कमजोर करते हुए नई प्रौद्योगिकियों और क्षमताओं के विकास में लगे हैं।
- इस तरह भारत और पाकिस्तान भविष्य में किसी संकटकालीन स्थिति के दौरान गलत वजह से अपने परमाणु हथियारों का उपयोग कर सभी को जोखिम में डाल सकते हैं।
- चीन की परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र के रूप में उभरती हुई छवि, भारत की सुरक्षा चुनौतियों को बढ़ा रही है।
परमाणु हथियारों पर भारत का दृष्टिकोण:
- भारत ने हमेशापरमाणु हथियार संपन्न देशों के खिलाफ पहले से परमाणु हथियार इस्तेमाल न करने (No First Use– NFU) की नीति का पालन किया है एवं गैर-परमाणु हथियार वाले राज्यों के खिलाफ ‘उपयोग न करने’ की नीति के के लिए प्रतिबद्धता भी व्यक्त कीहै।
- निशस्त्रीकरण सम्मेलन’ (The Conference on Disarmament- CD)विश्व का एकमात्र बहुपक्षीय निशस्त्रीकरण समझौता मंच है, और भारत इस मंच के माध्यम से एक व्यापक परमाणु हथियार सम्मेलन के तहत वार्ता आयोजित करने का समर्थन करता है।
- भारत ने निशस्त्रीकरण सम्मेलन के द्वारा‘फिसाइल मैटेरियल कट-ऑफ ट्रीटी’ (Fissile Material Cut-off Treaty– FMCT) के संदर्भ में भी वार्ता करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ( एसआईपीआरआई )
- ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ स्टॉकहोम में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है,इसकी स्थापना 1966 में हुई थी।यह मुख्य तौर पर सशस्त्र संघर्ष, सैन्य व्यय और हथियारों के व्यापार के साथ-साथ निरस्त्रीकरण और हथियार नियंत्रण के लिए डेटा, विश्लेषण और सिफारिशें प्रदान करता है।
- SIPRIका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय संघर्षों और स्थायी शांति के लिए शांतिपूर्ण समाधान की स्थितियों को समझने में योगदान करना है साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए संघर्ष और महत्व के सहयोग के मुद्दों पर वैज्ञानिक अनुसंधान करना है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस