एशियाई शेरों की पहचान के लिए सिम्बा/SIMBA तकनीक

एशियाई शेरों की पहचान के लिए सिम्बा/SIMBA तकनीक

हाल ही में एशियाई शेरों की पहचान के लिए सिम्बा/SIMBA (सॉफ्टवेयर विद इंटेलिजेंट मार्किंग बेस्ड आइडेंटिफिकेशन ऑफ एशियन लायंस) तकनीक जारी की गई।

गुजरात वन विभाग द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित एक फोटो-पहचान सॉफ्टवेयर अर्थात् SIMBA (सिम्बा) का उपयोग किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर को शेरों के शरीर के पैटर्न या शारीरिक चिन्ह में अंतर करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, ताकि शेरों की अलग-अलग पहचान की जा सके।

इसे हैदराबाद स्थित ‘टेलिओलैब्स’ द्वारा विकसित किया गया है।

यह कैसे काम करता है?

  • एशियाई शेरों के थूथन के दोनों ओर विशेष मूंछ के धब्बे (व्हिस्कर स्पॉट) होते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, कोई भी दो व्हिस्कर स्पॉट्स पैटर्न सामान नहीं होते हैं अर्थात् शेरों में यह पैटर्न अलग-अलग होता है।
  • साथ ही, समय के साथ इनमें कोई बदलाव नहीं होता है।
  • मशीन लर्निंग तकनीक के साथ SIMBA अलग-अलग शेरों की पहचान स्वचालित तरीके से करता है।

SIMBA इस कार्य को निम्नलिखित के आधार पर पूरा करता हैः

अलग-अलग शेरों के व्हिस्कर स्पॉट में अंतर के आधार पर, चेहरे पर किसी निशान, कानों पर दाग या काटने के निशान के आधार पर और तस्वीर से संबंधित अन्य मेटाडेटा के आधार पर।

SIMBA का महत्वः

  • इससे उपयोगकर्ता को यह पहचानने और जाँच करने में सहायता मिलती है कि क्या कोई शेर पहले से ही डेटाबेस में मौजूद है या वह कोई नया शेर है। लिंग, नाम, माइक्रोचिप नंबर, जीवन की स्थिति, दूध पिलाने वाली मादा शेर जैसी अतिरिक्त जानकारियों का उपयोग भी डेटाबेस में शेरों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।
  • इससे एशियाई शेरों के पर्यावास में प्रजातियों के संरक्षण और प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में सहायता मिलेगी।

एशियाई शेर के बारे में

  • यह भारत में पायी जाने वाली पांच बड़ी कैट स्पीशीज में से एक है। अन्य चार हैं। बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, हिम तेंदुआ,और क्लाउडेड लेपर्ड।
  • एशियाई शेर केवल भारत में गुजरात के पांच संरक्षित क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • ये पांच संरक्षित क्षेत्र हैं गिर राष्ट्रीय उद्यान, गिर अभयारण्य, पनिया अभयारण्य, मिटियाला अभयारण्य और गिरनार अभयारण्य ।
  • समूहों में रहने वाली एकमात्र कैट स्पीशीज शेर है। इन समूहों को ‘प्राइड’ (शेरों का समूह) कहा जाता है। मादा शेर ‘प्राइड’ की प्रमुख शिकारी होती है। गर्भधारण की अवधि 100 -119 दिनों के बीच होती है।

संरक्षण स्थितिः

  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में सूचीबद्ध
  • वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES) के परिशिष्ट-1 में सूचीबद्ध ।
  • IUCN की लाल सूची में “एंडेंजर्ड या संकटापन्न श्रेणी में सूचीबद्ध ।
  • एशियाई शेर अफ्रीकी शेरों की तुलना में आकार में थोड़े छोटे होते हैं।
  • IUCN की लाल सूची में अफ्रीकी शेर ‘वल्नरेबल’ (सुभेद्य) श्रेणी में सूचीबद्ध हैं।

स्रोत द हिन्दू

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