शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन 2022

शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन 2022

हाल ही में प्रधानमंत्री ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित 22वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2022 में भाग लिया है।

Shanghai Cooperation Organization Summit 2022

SCO शिखर सम्मेलन के मुख्य निष्कर्ष

  • शंघाई सहयोग संगठन-राष्ट्राध्यक्षों की परिषद (SCO-CoHS), ने SCO की सदस्यता के विस्तार की पहल शुरू की है।
  • इस पहल के तहत ईरान और बेलारूस नए सदस्य के रूप में शामिल होंगे। साथ ही, मालदीव, बहरीन, म्यांमार, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत को SCO में वार्ता भागीदार का दर्जा दिया जाएगा।
  • SCO-CoHS, शंघाई सहयोग संगठन का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है।

समरकंद घोषणा-पत्र

  • SCO सदस्य देशों के बीच मित्रता और सहयोग हेतु वर्ष 2023-2027 के लिए व्यापक कार्य योजना की घोषणा की गई।
  • सदस्य देश आतंकवादी, अलगाववादी और चरमपंथी समूहों की एकल सूची तैयार करेंगे। इस सूची में ऐसे व्यक्ति/समूह शामिल होंगे, जिनकी गतिविधियों पर सदस्य देशों के राज्यक्षेत्रों में प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • एक पारदर्शी अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा बाजार बनाने का आह्वान किया गया।
  • मौजूदा व्यापार बाधाओं को कम करने और अधिक प्रभावी विश्व व्यापार संगठन (WTO) का भी आह्वान किया गया।

भारत के संबंध में महत्वपूर्ण परिणाम

  • SCO शिखर सम्मेलन में वाराणसी को पहली SCO पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया।
  • उज्बेकिस्तान ने भारत को SCO की चक्रक्रमिक (रोटेटिंग) अध्यक्षता सौंपी। भारत इस पद पर एक वर्ष तक यानी सितंबर 2023 तक रहेगा।
  • भारत SCO शिखर सम्मेलन 2023 की भी मेजबानी करेगा।
  • भारत पारंपरिक दवाओं और स्टार्टअप्स व इनोवेशन पर एक नया SCO कार्य समूह गठित करने के लिए पहल करेगा।
  • भारत ने SCO सदस्यों से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे को पारगमन पहुंच प्रदान करने का आह्वान किया। इससे क्षेत्र में लचीली आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित की जा सकेगी।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बारे में

  • SCO आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी।
  • इसके छह संस्थापक सदस्य देश हैं- चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान।
  • भारत और पाकिस्तान वर्ष 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे।
  • यह संगठन ‘शंघाई स्पिरिट’ के सिद्धांत पर कार्य करता है। इस सिद्धांत में परस्पर विश्वास, पारस्परिक लाभ, समानता आदि शामिल हैं।
  • इसकी क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (RATS) सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मुद्दों से संबंधित है।

स्रोत – द हिन्दू

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