शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की 21वीं बैठक आयोजित
हाल ही में चीन ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शासनाध्यक्षों की परिषद की 21वीं बैठक वर्चुअल रूप में आयोजित की गई है।
बैठक के मुख्य निष्कर्ष
- भारत ने चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल का समर्थन करने वाली संयुक्त विज्ञप्ति (communique) की पुष्टि नहीं की है।
- भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह तथा अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) के माध्यम से और अधिक व्यापार का समर्थन किया।
- INSTC एक मल्टी-मॉडल परिवहन गलियारा है। इसकी लंबाई 7,200 किलोमीटर है। यह गलियारा सड़क, रेल और समुद्री मार्गों के द्वारा मध्य एशिया व ईरान के माध्यम से रूस तथा भारत को जोड़ता है।
SCO समूह में व्यापार और कनेक्टिविटी के बारे में
- इसके सदस्य देशों का कुल व्यापार मूल्य वर्ष 2001 के 667 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2020 में 6 ट्रिलियन डॉलर हो गया।
- SCO सदस्यों के साथ भारत का कुल व्यापार केवल 141 बिलियन डॉलर है।
- इस वर्ष SCO देशों में से भारत का अधिकांश व्यापार चीन (100 बिलियन डॉलर) के साथ है।
- मध्य एशिया के साथ व्यापार 2 बिलियन डॉलर से भी कम है।
भारत के लिए चुनौतियां
- सीधी पहुंच न होने के कारण भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच बड़े पैमाने पर व्यापार का अभाव है। कनेक्टिविटी की कमी के कारण हाइड्रोकार्बन से समृद्ध क्षेत्र और भारत के बीच ऊर्जा संबंधों के विकास में बाधा आई है।
- व्यापार भागीदारों के रूप में चीन और रूस की नजदीकियां बढ़ रही हैं। ये दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2024 तक 250 अरब डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं।
- SCO ‘बेल्ट एंड रोड पहल’ का समर्थन करता है।
SCO के बारे में
- इसकी स्थापना वर्ष 2001 में शंघाई में हुई थी। यह एक अंतर-सरकारी राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है।
- इसका मुख्यालय बीजिंग में है।
- यह वर्ष 1996 के शंघाई फाइव (चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस व ताजिकिस्तान) समूह से उत्पन्न एक आठ सदस्यीय बहुपक्षीय संगठन है।
- बाद में, उज्वेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान भी SCO के सदस्य बने।
- दुशांबे (2021) में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन में ईरान के शामिल होने पर सहमति बनी थी। बेलारूस ने भी इसकी सदस्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- SCO के शासनाध्यक्षों की बैठक प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है। इसमें संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यह SCO के वार्षिक बजट को भी मंजूरी देती है।
- भारत ने SCO के अध्यक्ष का पदभार संभाला है। भारत वर्ष 2023 में SCO देशों के नेताओं की बैठक की मेजबानी करेगा।]
स्रोत – द हिन्दू