इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) का सेमीकंडक्टर मिशन
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) ने सेमीकंडक्टर मिशन का संचालन और मार्गदर्शन करने के लिए 17 सदस्यीय समिति का गठन किया है ।
विदित हो कि यह समिति सरकार के 76,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर मिशन का मार्गदर्शन करेगी।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन को सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के लिए एक समर्पित संस्था के रूप में स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य एक संधारणीय सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम का विकास करना है। इस कार्यक्रम के एक भाग के रूप में सरकार ने सिलिकॉन सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब आदि से जुड़ी कंपनियों के लिए अनेक प्रोत्साहन और समर्थन योजनाओं की घोषणा की है।
इस समिति के अध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री होंगे। इसके सदस्य के रूप में सरकारी अधिकारी तथा उद्योग और शिक्षा जगत के लोग शामिल होंगे।
Meity के राज्य मंत्री और सचिव क्रमशः इस समिति के उपाध्यक्ष तथा संयोजक होंगे।
इस समिति को निम्नलिखित विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव देना है:
- एक लचीली आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करने और निवेश को बढ़ावा देने के विषय पर,
- वित्तीय तंत्र और वैश्विक जुड़ाव के विषय पर,
- अनुसंधान और नवाचार तथा सेमीकंडक्टर आदि के लिए बौद्धिक संपदा के सृजन पर।
सेमीकंडक्टर या अर्घचालकः यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विद्युत प्रवाह को मैनेज और कंट्रोल करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक भौतिक पदार्थ होता है।
सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग के लिए उत्तरदायी कारक: डिजिटलीकरण में तीव्र वृद्धि,इंटेलीजेंट कंप्यूटिंग की क्षमता में तकनीकी प्रगति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हो रही वृद्धि आदि।
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में आने वाली चुनौतियाँ:
- चिप मैन्युफैक्चरिंग की प्रक्रिया बहुत अधिक जटिल है,
- इसमें बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता होती है,
- इससे संबंधित कुशल कार्यबल की भी कमी है, आदि।
स्रोत –द हिन्दू