‘SEBI’ द्वारा पर्यावरणीय, सामाजिक और अभिशासन (ESG) सलाहकार समिति गठित
हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने पर्यावरणीय, सामाजिक और अभिशासन (ESG) से संबंधित मामलों पर सलाहकार पैनल का गठन किया है ।
पैनल के लिए विचारार्थ विषयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- व्यावसायिक उत्तरदायित्व और संधारणीयता रिपोर्ट (BRSR) में सुधार करना,
- ESG रेटिंग, और ESG इन्वेस्टिग
- ESG मानदंड कंपनी के परिचालन के लिए मानकों का एक सम्मुचय है। इसका उपयोग सामाजिक रूप से जागरूक निवेशक संभावित निवेशों की जांच करने के लिए करते हैं।
ESG:
- पर्यावरणीय (Environmental-E) मानदंड: इसके तहत इस तथ्य पर विचार किया जाता है कि कोई कंपनी प्रकृति के प्रबंधक के रूप में कैसा प्रदर्शन करती है।
- सामाजिक (Social-S) मानदंड: इसके तहत इस तथ्य का परीक्षण किया जाता है कोई कंपनी अपने परिचालन क्षेत्र में कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, ग्राहकों व समुदायों के साथ संबंधों का प्रबंधन कैसे करती है।
- अभिशासन (Governance-G): इसके तहत किसी कंपनी के नेतृत्व, लेखा परीक्षा, आंतरिक नियंत्रण, शेयरधारकों के अधिकार आदि का परीक्षण किया जाता है।
ESG के लाभ –
- इससे निवेशक को अपने निवेश संबंधी लक्ष्यों को अपने व्यक्तिगत मूल्यों और विश्वासों के अनुरूप निर्धारित करने में सहायता मिलती है।
- इससे बढ़ रही सतत निधियों को आकर्षित करके पूंजी की उपलब्धता में मदद मिलती है।
- इससे कंपनियों के कामकाज का प्रदर्शन और स्टॉक का प्रदर्शन बेहतर होता है। साथ ही, इससे कंपनियों को कम लागत पर पूंजी भी उपलब्ध होती है।
अन्य लाभ:
- ऊर्जा की खपत में कमी होती है,
- कर्मचारियों के उत्साह को बढ़ावा मिलता है,
- प्रतिभा को आकर्षित करता है,
- सामाजिक विश्वसनीयता में बढ़ोतरी होती है आदि।
भारत में ESG की स्थिति –
- SEBI ने सूचीबद्ध कंपनियों के लिए BRSR के तहत ESG रिपोर्टिंग को शामिल करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
- BRSR, बाजार पूंजीकरण के आधार पर शीर्ष 1000 सूचीबद्ध कंपनियों पर लागू होगी। साथ ही, BRSR की रिपोर्टिंग को वित्त वर्ष 2022-23 से अनिवार्य कर दिया गया है।
स्रोत –द हिन्दू