‘लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर’ रहस्यमयी डार्क मैटर की करेगा खोज
हाल ही में रहस्यमयी डार्क मैटर की खोज में वैज्ञानिक लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं ।
यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (CERN) के वैज्ञानिक “लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर” को फिर से शुरू करने जा रहे हैं। इसे रखरखाव और सुधार के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन कोविड -19 की वजह से यह लंबे समय तक बंद रहा।
डार्क मैटर वह खगोलीय पदार्थ है, जो प्रकाश को न तो अवशोषित करता है, न ही परावर्तित या उत्सर्जित करता है। इन वजहों से इसे पहचानना अत्यधिक कठिन हो जाता है।
इसके अतिरिक्त, यह विद्युत चुम्बकीय बल के साथ परस्पर क्रिया भी नहीं करता है। हालांकि, ब्रह्मांड का 80% हिस्सा डार्क मैटर से बना है।
डार्क मैटर के अस्तित्व का अनुमान केवल उस गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से लगाया जाता है, जो दृश्यमान पदार्थ पर प्रभावी होता है।
ऐसा माना जाता है कि, डार्क मैटर आकाशगंगाओं को अतिरिक्त द्रव्यमान प्रदान करता है। यह अतिरिक्त गुरुत्वाकर्षण उत्पन्न करता है, जो उनकी यथास्थिति बनाए रखने के लिए आवश्यक है। वहीं, दिखाई देने वाले पदार्थ को बैरिऑनिक पदार्थ (baryonic matter) भी कहा जाता है, क्योंकि उनमें बैरिऑन होते हैं।
बैरिऑन में शामिल हैं; प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन।
लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) के बारे में
- LHC अब तक का सबसे शक्तिशाली कण त्वरक (पार्टिकल एक्सेलरेटर) है। यह प्रोटॉन या आयनों को प्रकाश की गति से गतिमान करता है।
- इसमें अतिचालक चुंबकों (सुपरकंडक्टिग मैग्नेट) का 27 किलोमीटर का एक रिंग है। इसमें कई त्वरक संरचनाएं होती हैं। ये संरचनाएं मार्ग में कणों की ऊर्जा को बढ़ाती हैं।
- त्वरक, CERN में 100 मीटर की एक भूमिगत सुरंग में स्थित है।
- वर्ष 2012 में, इसने हिग्स बोसोन कण की खोज की थी। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि मूलभूत कणों का द्रव्यमान क्यों होता है।
स्रोत –द हिन्दू