मदरसों/अल्पसंख्यकों को शिक्षा प्रदान करने की योजना (SPEMM)
- केंद्र सरकार ने ‘मदरसों/अल्पसंख्यकों को शिक्षा प्रदान करने की योजना (Scheme for Providing Quality Education to Madrasas/Minorities- SPEMM) को जारी रखने की अनुमति अभी तक नहीं दी है।
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसद की स्थायी समिति ने इस देरी के लिए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
- समिति ने यह भी बताया है कि राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की सीमित संख्या में भागीदारी के कारण योजना की प्रभावशीलता में कमी आ सकती है।
SPEMM योजना के बारे
- इसका क्रियान्वयन शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाता है ।
- इस योजना के तहत, मदरसों और अल्पसंख्यक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
इसकी दो उप–योजनाएं हैं :
- मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (SPQEM): इसका उद्देश्य मदरसों में ऐसा गुणात्मक सुधार लाना है कि वे मुस्लिम बच्चों को औपचारिक शिक्षा-विषयों में राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के मानक प्राप्त करने में सक्षम बनाने में समर्थ बन सकें।
- अल्पसंख्यक संस्थानों के बुनियादी ढांचे का विकास योजना(IDMI): यह योजना अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को औपचारिक शिक्षा की सुविधाएँ सुलभ कराने के लिये अल्पसंख्यक संस्थानों (प्राथमिक/माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय) में स्कूलों के बुनियादी ढाँचे को बढ़ाकर अल्पसंख्यकों को शिक्षा की सुविधा प्रदान करने हेतु क्रियान्वित की गई है।
- वर्ष 2021 में इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय से लेकर शिक्षा मंत्रालय को दे दी गई थी ।
संविधान में अल्पसंख्यक वर्गों के अधिकार
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत धार्मिक अथवा भाषाई सभी अल्पसंख्यक-वर्गों को अपनी रुचि के शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा।
- अनुच्छेद 30 के तहत संरक्षण केवल अल्पसंख्यकों (धार्मिक या भाषायी) तक ही सीमित है और नागरिकों के किसी भी वर्ग (जैसा कि अनुच्छेद 29 के तहत) तक विस्तारित नहीं किया जा सकता।
स्रोत – द हिन्दू