रूस–यूक्रेन युद्ध के बीच भारत चाय निर्यात के लिए वैकल्पिक बाजार
हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत चाय निर्यात के लिए वैकल्पिक बाजार की तलाश में है ।
- यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर भारत, चाय के लिए वैकल्पिक निर्यात बाजार विकसित करना चाहता है। इस वैकल्पिक निर्यात बाजार में इराक, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ट्यूनीशिया जैसे देशों को शामिल किया जा सकता है।
- वर्तमान में अकेले रूस ही, देश से कुल चाय निर्यात का 20 प्रतिशत से अधिक आयात करता है। कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (CIS) में शामिल देश भी भारत के महत्वपूर्ण चाय निर्यात गंतव्य हैं।
भारत में चाय का उत्पादनः
- वर्ष 2019 में, भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक था। भारत, सी.टी.सी. चाय, ऑर्थोडॉक्स टी, ग्रीन टी और ऑर्गेनिक टी सहित विविध प्रकार की चाय का उत्पादन करता है।
- चाय अधिनियम, 1953 के तहत भारतीय चाय बोर्ड की स्थापना की गई थी। यह बोर्ड विकासात्मक व विनियामक कार्य करता है तथा प्रचार संबंधी गतिविधियों को भी देखता है।
चाय की खेती के लिए जलवायु की स्थितिः
- तापमानः चाय की खेती के लिए आदर्श तापमान 21 डिग्री सेल्सियस से 29 डिग्री सेल्सियस है। हालांकि, चाय की वृद्धि के लिए न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
- वर्षाः चाय की खेती के लिए 150-250 से.मी. वर्षा की आवश्यकता होती है।
- मिट्टी: चाय के पौधों को चूने और लोहे के साथ मिश्रित उपजाऊ पहाड़ी मिट्टी की आवश्यकता होती है। यह मिट्टी ह्यूमस से भरपूर होनी चाहिए।
- भूमिः चाय की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली भूमि की आवश्यकता होती है। चाय के पौधों के लिए पानी का ठहराव उपयुक्त नहीं है।
स्वतंत्र राष्ट्रों का राष्ट्रमंडल (Commonwealth Independent States: CIS)
- CIS की स्थापना वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद हुई थी।
- इसमें 12 सदस्य देश शामिल हैं: आर्मेनिया, अजरबैजान, बेलारूस, जॉर्जिया, कजाकस्तान, किर्गिस्तान, मोल्दोवा, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, यूक्रेन और उज्वेकिस्तान
स्रोत –द हिन्दू
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