ग्रामीण क्षेत्र विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (RADPFI) हेतु संशोधित दिशा-निर्देश

ग्रामीण क्षेत्र विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (RADPFI) हेतु संशोधित दिशा-निर्देश

हाल ही में सरकार ने ग्रामीण भारत की प्रकृति को बदलने और ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए ‘ग्रामीण क्षेत्र विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (आरएडीपीएफआई) दिशानिर्देश, 2017’ को संशोधित किया है।

RADPFI 2021 दिशा-निर्देश स्थानिक ग्रामीण नियोजन को बढ़ावा देने की दिशा में मंत्रालय के प्रयासों का हिस्सा है, और गांवों में स्थायी योजना के लिए एक परिप्रेक्ष्य विकसित करके ग्रामीण परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेगा।

स्थानिक योजना की आवश्यकता:

  • ग्राम पंचायतों में बिना योजना के स्थानिक विकास,
  • विस्तारित शहरीकरण क्षेत्र,
  • जनगणना कस्बों का उदय,
  • ग्राम पंचायतों के जीवन की गुणवत्ता और संधारणीयता में सुधार,
  • सुधारों/कार्यक्रमों का एकीकरण करना (SVAMITVA/स्वामित्व, RURBAN/रुर्बन, राज्य अधिनियमों में नवीन बदलाव और संशोधन तथा आपदा, जलवायु परिवर्तन व लोचशीलता संहिताओं पर फिर से बल देना इत्यादि),
  • सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से संबंधित कृषि-जलवायु क्षेत्रों/जोन से जुड़ने की आवश्यकता आदि।

नये दिशा-निर्देश (वर्ष 2021) निम्नलिखित पर केंद्रित हैं:

  • स्थानिक विकास योजना तैयार करने के लिए गांवों की टाइपोलॉजी पर ध्यान केंद्रित करना। इसके अंतर्गत गांवों की जनसंख्या, कृषि-जलवायु क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र, आपदाओं का घटित होना इत्यादि शामिल हैं।
  • सहयोगात्मक योजना निर्माण पर आधारित समुदाय के माध्यम से ग्राम कस्बा नियोजन योजना (Village Town Planning Scheme: VPS) ।
  • ग्राम स्तरीय योजना निर्माण के संबंध में 15वें वित्त आयोग को राज्य वित्त आयोग से जोड़ना।
  • 73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियम तथा ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम (GPDP) के अनुसार रुर्बन क्लस्टर्स/ब्लॉक/जिला योजना के साथ ग्राम पंचायत विकास का एकीकरण/समेकन करना।
  • स्थानिक डेटा बुनियादी ढांचे के माध्यम से ई-गवर्नेस में सुधार करना।
  • आबादी क्षेत्र (भूमि रिकॉर्ड्स को जोड़ने) के लिए ‘ग्रामों का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में तात्कालिक प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण’ (SVAMITVA/ स्वामित्व) योजना तथा अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना।
  • पर्यावरणीय लाभ और आपदा प्रबंधन के लिए योजना बनाना।

महत्त्व:

  • यह ग्रामीण क्षेत्रों में जीवंत आर्थिक समूहों के विकास को बढ़ावा देगा, जो ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देगा।
  • यह पंचायती राज मंत्रालय की ‘स्वामित्व योजना’ और ग्रामीण विकास मंत्रालय के रूर्बन मिशन जैसे केंद्र सरकार के प्रयासों को भी पूरा करेगा, और भू-स्थानिक जानकारी के बेहतर उपयोग की सुविधा प्रदान करेगा।

स्रोत: द हिंदू

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