भारत और फ्रांस ‘रोडमैप ऑन ब्लू इकोनॉमी एंड ओशन गवर्नेस‘ पर सहमत
हाल ही में भारत और फ्रांस ने ‘रोडमैप ऑन ब्लू इकोनॉमी एंड ओशन गवर्नेस’ दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं ।
इस रोडमैप के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
ब्लू इकोनॉमी पर द्विपक्षीय आदान-प्रदान को बढ़ाना, कानून के शासन के आधार पर ओशन गवर्नेस की एक साझा योजना बनाना, तथा सतत और लोचशील तटीय एवं जलमार्ग संबंधी बुनियादी ढांचे का निर्माण करना।
रोडमैप की मुख्य विशेषताएं –
ब्लू इकोनॉमी और ओशन गवर्नेस पर भारत-फ्रांस साझेदारी स्थापित की जाएगी।
- संस्थागतः वार्षिक आधार पर द्विपक्षीय वार्ता आयोजित की जाएगी। इस वार्ता में दोनों पक्ष अपनी प्राथमिकताओं पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके अलावा, वे सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा करेंगे। साथ ही, मौजूदा तथा भावी प्रयासों में एक-दूसरे का समर्थन करेंगे।
- आर्थिकः परस्पर आर्थिक विनिमय गतिविधियों के विकास में ब्लू इकोनॉमी को प्राथमिकता दी जाएगी।
- बुनियादी ढांचाः दोनों पक्ष तटीय और जलमार्ग आधारित संधारणीय एवं लचीली अवसंरचना पर सहयोग करेंगे।
- वैज्ञानिक और शैक्षिकः समुद्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शोध को बढ़ावा दिया जायेगा। इससे समुद्री संसाधनों व जैव विविधता की निगरानी, संरक्षण एवं संधारणीय उपयोग सुनिश्चित होगा।
भारत फ्रांस सहयोग के क्षेत्र
- रक्षाः भारत ने फ्रांस से राफेल विमान खरीदा है। इसके अलावा, भारत ने 8 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों (पी-75 प्रोजेक्ट) के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं।
- अंतरिक्षः भारत के प्रथम मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ पर सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- भू–सामरिक: दोनों देश एक स्वतंत्र और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
क्या है ब्लू इकोनॉमी (नीली अर्थव्यवस्था)
- ब्लू इकोनॉमी से तात्पर्य आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और रोजगार के लिए महासागरीय संसाधनों के संधारणीय उपयोग से है। ऐसा महासागरों के पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखते हुए किया जाएगा।
- इसका भारत की कल अर्थव्यवस्था में 1 प्रतिशत का हिस्सा है। मत्स्य पालन, गहरे समुद्र में खनन तथा अपतटीय तेल और गैस भारत की ब्लू इकोनॉमी का एक बड़ा हिस्सा हैं।
स्रोत –द हिन्दू