दूरसंचार विभाग द्वारा राइट ऑफ वे (RoW) दिशा–निर्देशों का प्रारूप जारी
हाल ही में दूरसंचार विभाग (DoT) ने राइट ऑफ वे (RoW) दिशा-निर्देशों का प्रारूप जारी किया है।
“राइट ऑफ वे” (मार्ग का अधिकार) दिशा-निर्देश दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना और रखरखाव के संबंध में अनुमति प्रदान करने तथा विवादों का निपटान करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं।
दिशा–निर्देशों के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- सभी राज्यों में ‘राइट ऑफ वे’ से संबंधित प्रक्रियाओं में एकरूपता लाना।
- 15जी प्रौद्योगिकी का अखिल भारतीय स्तर पर उपयोग शुरू करने से पहले दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना को प्रोत्साहित करना।
दिशा–निर्देशों के मुख्य प्रावधान:
- ये राइट ऑफ वे क्षेत्र की गणना तथा छोटे सेलों को लगाने के लिए पोल की स्थापना हेतु कार्य पद्धतियों का प्रावधान करते हैं।
- छोटे सेल एक सेल्युलर बेस स्टेशन होता है। यह 10 मीटर से लेकर कुछ सौ मीटर तक के छोटे क्षेत्र में सेवा प्रदान करता है।
- किसी स्थानीय या सरकारी प्राधिकरण की अचल संपत्ति पर स्थापित स्ट्रीट फर्नीचर (जैसे बिजली के खंभे, ट्रैफिक लाइट आदि) का उपयोग करने के लिए आवेदन शुल्क और मुआवजे को समाप्त करने का प्रावधान किया गया है।
- केंद्र सरकार के भवनों और संरचनाओं पर दूरसंचार बुनियादी ढांचे की स्थापना पर शुल्क माफ करने का भी प्रस्ताव किया गया है।
- आवासीय परियोजनाओं और परिसरों के भीतर दूरसंचार अवसंरचना की अनिवार्य स्थापना का प्रावधान किया गया है। इसके लिए राष्ट्रीय भवन संहिता और आदर्श भवन उप-नियमों में बदलाव किया जायेगा।
- एक ऑनलाइन RoW पोर्टल की स्थापना और डीम्ड अप्रूवल का भी प्रस्ताव किया गया है।
राइट ऑफ वे (RoW) क्या है?
- राइट ऑफ वे एक कानूनी अधिकार है। इसके द्वारा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) को ऑनलाइन आवेदन करने और फिर सेवा प्रदान करने की अनुमति दी जाती है।
- भारतीय टेलीग्राफ RoW नियम (भारतीय तार मार्ग के अधिकार नियम), 2016 भूमिगत अवसंरचना (ऑप्टिकल फाइबर) और जमीन के ऊपर की अवसंरचना (मोबाइल टावर) को विनियमित करते हैं।
स्रोत – द हिंदू