भारत G-7 के “रेजिलिएंट डेमोक्रेसीज स्टेटमेंट 2022” में शामिल
‘ऑनलाइन और ऑफलाइन’ फ्री स्पीच (स्वतंत्र अभिव्यक्ति) की रक्षा के लिए भारत, G-7 और 4 अन्य देशों के समूह में शामिल हुआ है।
भारत ने G-7 समूह के देशों और अन्य चार आमंत्रित देशों (अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल व दक्षिण अफ्रीका) के साथ ‘2022 रेजिलिएंट डेमोक्रेसीज स्टेटमेंट’ (RDS) पर हस्ताक्षर किए।
इन देशों ने वैश्विक चुनौतियों (जलवायु परिवर्तन,कोविड-19 आदि) के समान, समावेशी और स्थायी समाधान की दिशा में कार्य करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
इन देशों ने नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
इन देशों ने वर्ष 2021 की ‘कार्बिस बे ओपन सोसाइटीज स्टेटमेंट’ पर चर्चा किया। साथ ही, उस समय से भू-राजनीतिक स्थिति में हुए नाटकीय परिवर्तन पर भी विमर्श किया। इसके अतिरिक्त, विश्व भर में लोकतांत्रिक प्रणालियों के समक्ष मौजूद महत्वपूर्ण खतरों को स्वीकार किया।
ये घोषणाएं सामरिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक कदमों और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण जैसी अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण हो जाती हैं।
रेजिलिएंट डेमोक्रेसीज स्टेटमेंट (RDS) के सिद्धांत
- वैश्विक उत्तरदायित्वः इसमें अन्य देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए सम्मान को बढ़ावा देना; दुनिया भर में लोकतंत्र तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव का समर्थन करना आदि शामिल हैं।
- सूचना परिवेशः इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से अभिव्यक्ति व विचार की स्वतंत्रता की रक्षा करना; खुला, मुक्त, वैश्विक, अंतर-संचालनीय, विश्वसनीय तथा सुरक्षित इंटरनेट सुनिश्चित करना आदि शामिल है।
- नागरिक समाजः इसमें नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं की स्वतंत्रता व विविधता की रक्षा करना; दुर्भावनापूर्ण विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ क्षमता का निर्माण करना आदि सम्मिलित हैं।
- समावेश और समानताः इसमें विचार, विवेक व धर्म/ विश्वास की स्वतंत्रता की रक्षा करना और अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा देना; सामाजिक एकता एवं समावेश आदि समाहित हैं।
स्रोत –द हिन्दू