जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023
हाल ही में और मृत्यु लोक सभा ने जन्म पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 को मंज़ूरी दे दी है जो ‘डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र’ की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 जन्म और मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 में संशोधन करना करता है।
विदित हो कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 जन्म और मृत्यु के विनियमन तथा पंजीकरण का प्रावधान करता है। जन्म और मृत्यु का पंजीकरण समवर्ती सूची के अंतर्गत आता है, जो संसद तथा राज्य विधानसभाओं दोनों को इस विषय पर कानून बनाने की शक्ति देता है।
विधेयक में संशोधन के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
इसके संचालन की अवधि के दौरान सामाजिक परिवर्तन और तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाना, तथा इसे नागरिकों के अधिक अनुकूल बनाना ।
इस विधेयक की मुख्य विशेषताएं:
- इसका उद्देश्य जन्म और मृत्यु के पंजीकरण का राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय डेटाबेस तैयार करना है। इससे अन्य डेटाबेस को अपडेट करने में मदद मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप, लोक सेवाओं और सामाजिक लाभों का कुशल व पारदर्शी वितरण संभव हो पाएगा ।
- इस विधेयक में भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) की नियुक्ति का प्रावधान भी किया गया है। RGI जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए सामान्य निर्देश जारी कर सकता है।
- इसके तहत अब जन्म या मृत्यु के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्रमाण-पत्र जारी किए जाएंगे।
- कुछ व्यक्तियों को RGI को जन्म और मृत्यु की जानकारी देनी होती है। इसके लिए माता-पिता और सूचना देने वालों का आधार विवरण आवश्यक है।
- सूचना देने वाला किसी अस्पताल का प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, होटल का प्रबंधक, जेलर आदि हो सकता है।
- सभी चिकित्सा संस्थानों के लिए रजिस्ट्रार को मृत्यु के कारण का प्रमाण-पत्र और निकटतम रिश्तेदार को उसकी एक प्रति प्रदान करना अनिवार्य किया गया है ।
- रजिस्ट्रार या जिला रजिस्ट्रार द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई या आदेश से असहमत कोई भी व्यक्ति क्रमशः जिला रजिस्ट्रार या मुख्य रजिस्ट्रार के पास अपील कर सकता है ।
स्रोत – द हिन्दू