RBI ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) डिजिटल रुपया या ई रुपया किया जारी
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिजिटल रुपया (e₹ – R ) का पहला प्रायोगिक परिचालन शुरू करने की घोषणा की है।
- RBI ने खुदरा ग्राहकों और व्यापारियों के लिए केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) डिजिटल रुपया या ई रुपया जारी किया।
- इससे पहले, RBI ने थोक सेगमेंट में डिजिटल रुपये की शुरुआत की थी। इसके तहत द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों के लेन-देन के निपटान की सुविधा दी गई थी।
- शुरुआत में डिजिटल मुद्रा को नियंत्रित मात्रा में जारी किया जाएगा। इसमें मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर शहरों में चार बैंक (SBI, ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक) शामिल होंगे।
- ये बैंक कागजी मुद्रा के समान मूल्यवर्ग के डिजिटल टोकन जारी करेंगे। इस टोकन का उपयोग भुगतान करने और भुगतान प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
- यह CBDC का एक अप्रत्यक्ष मॉडल है ।
- खुदरा ई- रुपया, नकद का इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से खुदरा लेन-देन के लिए किया जा सकेगा।
- यह निजी क्षेत्र, गैर – वित्तीय उपभोक्ता और व्यवसायी, सभी के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा ।
- चूंकि, यह केंद्रीय बैंक की प्रत्यक्ष देयता होगी, इसलिए यह भुगतान और निपटान के लिए सुरक्षित मुद्रा तक पहुंच प्रदान करेगा।
- CBDC या डिजिटल रुपया RBI द्वारा डिजिटल रूप में जारी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर ) है ।
- यह फिएट करेंसी के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसका विनिमय (exchange) किया जा सकता है।
CBDC जारी करने और प्रबंधन के लिए मॉडल
- प्रत्यक्ष मॉडल (सिंगल टियर मॉडल): इसके तहत केंद्रीय बैंक CBDC प्रणाली के सभी पहलुओं के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। इनमें डिजिटल मुद्रा जारी करना, खाता – रखरखाव और लेन-देन सत्यापन शामिल हैं।
- अप्रत्यक्ष मॉडल (टू-टियर मॉडल): इसके तहत केंद्रीय बैंक तथा अन्य मध्यवर्ती (बैंक और कोई अन्य सेवा प्रदाता), सभी अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं।
- अप्रत्यक्ष मॉडल वर्तमान भौतिक मुद्रा प्रबंधन प्रणाली के समान है। इसके तहत बैंक आम लोगों के मध्य नोटों के वितरण, खाता – रखरखाव, अपने ग्राहक को जानो (KYC) के लिए जरूरी नियमों का पालन और धन-शोधन आदि जैसी गतिविधियों का प्रबंधन करते हैं ।
स्रोत – द हिन्दू