सोया उत्पाद निर्माताओं से गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त करने का निर्देश
हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने सोया उत्पाद निर्माताओं से गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त करने और ISI मार्क का उपयोग करने के लिए कहा है।
- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने सोया (soy) उत्पादों के लिए भारतीय मानक विषय एक वेबिनार का आयोजन किया था। इसका उद्देश्य सोया उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
- सोयाबीन के उपयोग को टेक्सचर्ड वेजिटेबल प्रोटीन जैसे कि सोया दूध, टोफू, सोया दही आदि के तौर पर बहुत अधिक बढ़ावा मिल रहा है। टेक्सचर्ड वेजिटेबल प्रोटीन को सोया बड़ी या सोया नगेट्स के रूप में भी जाना जाता है।
- इन सोया उत्पादों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण बनाए रखने के लिए BIS ने वसा युक्त सोया आटा, सोया दूध, सोया नट्स, सोया मक्खन, सोया अमरखंड जैसे सोया उत्पादों के लिए सात भारतीय मानक प्रकाशित किए हैं।
- इनके सर्टिफिकेशन या प्रमाणन से सोया उत्पादों को भारतीय आहार में शामिल करने में मदद मिलेगी। साथ ही, इसके चलते उत्पादकों को भी बेहतर कीमतें प्राप्त होंगी।
- ISI मार्क, वर्ष 1955 से ही भारत में औद्योगिक उत्पादों के लिए एक मानक चिन्ह (मार्क)है ।
- ISI मार्क यह प्रमाणित करता है कि एक उत्पाद BIS द्वारा विकसित भारतीय मानक के अनुरूप है।
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)
- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है। इसकी स्थापना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत, वस्तुओं के मानकीकरण, चिन्हांकन (मार्किंग) और गुणवत्ता प्रमाणन की गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए की गई है।
- BIS इन गतिविधियों या इनसे संबंधित अन्य प्रासंगिक मामलों की देखरेख भी करता है।
- BIS सर्टिफिकेशन, प्रमाण-पत्र धारक को एक प्रकार का तृतीय पक्ष गारंटी प्रदान करता है कि, उसके उत्पादों की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता प्रमाणिक हैं। मुख्य रूप से यह वस्तुओं के आयात के लिए आवश्यक है।
- इसमें कई उत्पादों के लिए सर्टिफिकेशन स्वैच्छिक है। साथ ही, इसमें बहुत सारे उत्पादों की एक सूची भी है, जिसमें शामिल मदों या उत्पादों को सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा या उपभोग की व्यापक प्रकृति के कारणों से अनिवार्य रूप से BIS द्वारा प्रमाणित किया जाता है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके 5 क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
स्रोत – द हिन्दू