PSLV का 55वां मिशन (PSLV-C53) सफल

PSLV का 55वां मिशन (PSLVC53) सफल

हाल ही में संशोधित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) ने तीन विदेशी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया है।

PSLV ने अपने 55वें मिशन (PSLV&C53) के तहत सिंगापुर के तीन उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का दूसरा वाणिज्यिक मिशन भी है।

NSIL भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वाणिज्यिक शाखा है। इसका प्राथमिक उत्तरदायित्व भारतीय उद्योगों को अंतरिक्ष से संबंधित उच्च प्रौद्योगिकी क्रियाकलापों को करने में सक्षम बनाना है।

उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के अलावा, इसरो ने ‘PSLV कक्षीय प्रयोगात्मक मॉड्यूल’ (POEM) का सफल प्रक्षेपण भी किया है। यह एक प्लेटफॉर्म है, जो PSLV के अंतिम (चौथे) चरण का उपयोग करके कक्षा में वैज्ञानिक प्रयोगों को संभव बनाता है।

PSLV एक चार चरणों वाला प्रक्षेपण यान है। इसका पहला और तीसरा चरण ठोस प्रणोदक वाला जबकि दूसरा और चौथा चरण तरल प्रणोदक वाला है। उपयोग कर लिए गए पहले तीन चरण वापस समुद्र में गिर जाते हैं, वहीं अंतिम चरण अंतरिक्ष मलबा बन जाता है।

चौथे चरण का उपयोग उन मिशनों में किया जा सकता है, जिनका भार हल्का होता है। यह स्टार्टअप्स तथा छात्र और वैज्ञानिक समुदायों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद कर सकता है।

POEM में एक समर्पित नेविगेशन मार्गदर्शन और नियंत्रण प्रणाली है। यह प्रणाली इसे निर्धारित सटीकता के साथ स्थिर करने के लिए इसके मस्तिष्क के रूप में कार्य करेगी। POEM को ऊर्जा इसमें लगे सौर पैनलों और ली-आयन बैटरी से प्राप्त होगी।

PSLV के बारे में (इसरो का वर्कहॉस)

  • यह भारत की तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है। यह तरल चरण से युक्त भारत का पहला प्रक्षेपण यान है।
  • यह 600 कि.मी. की ऊंचाई पर सूर्य-तुल्यकालिक (Sun-Synchronous) ध्रुवीय कक्षाओं में 1,750 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है।
  • PSLV का अलग-अलग उपग्रहों को भू-तुल्यकालिक (Geosynchronous) और भू-स्थिर (Geostationary) कक्षाओं में प्रक्षेपण करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

स्रोत –द हिन्दू

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