कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा दिया जाये : RBI
हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए उत्पाद नवाचार और छोटी कृषि मशीनरी हेतु खुदरा वित्त की उपलब्धता आवश्यकता पर जोर देने की बात कही गई है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में कृषि मशीनीकरण के प्रसारमें पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है। यह वर्तमान में अनुमानित 40-45 प्रतिशत के स्तर पर है।
- लेकिन, यह अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं और ब्रिक्स (BRICS) देशों की तुलना में बहुत कम है। उदाहरण के लिए अमेरिका में 95 प्रतिशत, ब्राजील में 75 प्रतिशत तथा चीन में 48 प्रतिशत मशीनीकरण हुआ है।
- उल्लेखनीय है कि इसमें अन्य मशीनों का बहुत कम और ट्रैक्टरों का अधिक उपयोग हो रहा है।
- RBI की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि मशीनीकरण से कृषि उत्पादकता को 30 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, इनपुट लागत को 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त, यह कृषि कार्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक समय को भी कम करता है। इससे कृषि श्रम करना बहुत ही आसान हो जाता है।
कृषि में मशीनों के उपयोग को बढ़ाने के सुझाव
- छोटे किसानों के लिए उपयुक्त, भारत के अनुकूल और सस्ती छोटी कृषि मशीनरी प्रदान करने हेतु उत्पाद नवाचार को अपनाया जाना चाहिए। इसका कारण यह है कि भारत में लगभग 70 प्रतिशत किसान, छोटे और सीमांत कृषक हैं।
- छोटे और सीमांत किसानों को खुदरा ऋण प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि वे छोटी कृषि मशीनरी (न कि ट्रैक्टर) की खरीद कर सकें। यह ऋण नाबार्ड (NABARD) द्वारा बैंकों को दिए गए विशेष लक्ष्यों के माध्यम से प्रदान किया जाना चाहिए।
- ट्रैक्टर के अतिरिक्त अन्य छोटे कृषि उपकरणों को बढ़ावा देने हेतु प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।
- छोटे और सीमांत किसानों की कृषि मशीनीकरण तक पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन संचालित कर रही है। यह उन क्षेत्रों में भी आरंभ किया जा रहा है, जहां खेतों में बिजली की उपलब्धता बहुत कम है।
स्रोत -द हिन्दू