प्रोजेक्ट बोल्ड
‘खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग’ (KVIC) तथा सीमा सुरक्षा बल ने जैसलमेर में मरुस्थलीकरण को रोकने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ‘प्रोजेक्ट बोल्ड’ (Project BOLD) की शुरुआत की गयी है।
इस परियोजना के तहत, इनके द्वारा बांस के 1000 पौधे लगाए गए हैं।
‘प्रोजेक्ट बोल्ड’ के बारे में:
- बोल्ड का अर्थ “सूखे की स्थिति में भू-क्षेत्र पर बांस मरु-उद्यान” अर्थात (Bamboo Oasis on Lands in Drought– BOLD) है।यह परियोजना ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ (KVIC) द्वारा शुरू की गई है।
- यह परियोजना, खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित खादी बांस महोत्सव का हिस्सा है।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य:
शुष्क और अर्ध-शुष्क भू-क्षेत्रों में बांस आधारित हरित पट्टियां विकसित करना, मरुस्थलीकरण कम करना और आजीविका एवं बहु-विषयक ग्रामीण उद्योग सहायता प्रदान करना।
परियोजना में ‘बांस’ को क्यों चुना गया?
बांस, बहुत तेजी से बढ़ते हैं और लगभग तीन साल की अवधि में उन्हें काटा जा सकता है। बांस को पानी के संरक्षण और भूमि की सतह से पानी के वाष्पीकरण को कम करने के लिए भी जाना जाता है, जोकि शुष्क और सूखाग्रस्त क्षेत्रों की एक विशेषता होती है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग:
- KVIC, खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956 (Khadi and Village Industries Commission Act, 1956) के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
- आयोग का प्रमुख कार्य, ग्रामीण विकास में लगे अन्य अभिकरणों से समन्वय स्थापित कर ग्रामीण क्षेत्रों में खादी और अन्य ग्रामोद्योग के विकास के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाते हुए इसे संबंर्धित,संगठित तथा कार्यान्वित करना है।
- यह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
स्रोत – द हिन्दू