ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना
हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (Production Linked Incentive: PLI) योजना ने लक्ष्य से अधिक निवेश आकर्षित किया है।
ऑटो सेक्टर की इस योजना के तहत पांच वर्षों की अवधि में 42,500 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस लक्ष्य की तुलना में यह योजना 74,850 करोड़ के निवेश प्रस्ताव को आकर्षित करने में सफल रही है।
ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट के लिए PLI योजना को वर्ष 2021 में अधिसूचित किया गया था। इस योजना का उद्देश्य उच्च श्रेणी के ऑटोमोटिव उत्पादों के विनिर्माण में देश की क्षमताओं को बढ़ाना है।
इस योजना के दो घटक हैं:
चैंपियन OEM प्रोत्साहन योजना (Champion OEM Incentive Scheme), और कम्पोनेंट चैंपियन प्रोत्साहन योजना (Component Champion Incentive Scheme)।
- यहां OEM से तात्पर्य मूल उपकरण विनिर्माता (Original Equipment Manufacturer) से है ।
- चैंपियन OEM प्रोत्साहन योजना सभी सेगमेंट के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों के लिए है।
- कंपोनेंट चैंपियन प्रोत्साहन योजना वाहनों के उच्च श्रेणी के ऑटोमोटिव तकनीक आधारित घटकों; कम्प्लीटली नॉक्ड डाउन (CKD) किट; दोपहिया व तिपहिया वाहनों, यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों और ट्रैक्टर्स के लिए है।
- यह योजना मौजूदा ऑटोमोटिव कंपनियों और नई गैर-ऑटोमोटिव निवेशक कंपनियों के लिए खुली है।
भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर:
- ऑटोमोबाइल उद्योग ने वित्त वर्ष 2019-20 में36 मिलियन वाहनों का विनिर्माण किया।
- भारत में ऑटो सेक्टर देश के विनिर्माण आधारित सकल घरेलू उत्पाद में 35% का योगदान देता है।
- इसके अलावा, भारत के ऑटो सेक्टर के वर्ष 2026 तक वॉल्यूम (संख्या) के मामले में विश्व के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोटिव बाजार के रूप में स्थापित होने का अनुमान है।
स्रोत –द हिन्दू