भारत में प्रत्यर्पण (Extradition in India) की प्रक्रिया

भारत में प्रत्यर्पण (Extradition in India)की प्रक्रिया

हाल ही में एक गैंगस्टर से जुड़े केस ने भविष्य में होने वाले प्रत्यर्पणों पर उच्चतम न्यायालय की चिंता को बढ़ा दिया है।

क्या है मामला?

  • गैंगस्टर सलेम ने तर्क दिया है कि, उसे 25 वर्ष से अधिक के लिए कारावास की सजा नहीं दी जा सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि उसके प्रत्यर्पण के समय पुर्तगाल के अधिकारियों को इस संबंध में कानूनी व संप्रभु आश्वासन (sovereign assurance) दिया गया था।
  • उच्चतम न्यायालय ने गैंगस्टर अबू सलेम द्वारा दिए गए तर्क के आधार पर केंद्रीय गृह सचिव से कहा है कि वह इस मामले में सरकार का रुख स्पष्ट करे।
  • ज्ञातव्य है कि अबू सलेम को पुर्तगाल में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे भारत को सौंप या प्रत्यर्पित कर दिया गया था। उसे वर्ष 1993 के मुंबई सीरियल बम विस्फोट मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
  • उच्चतम न्यायालय ने सरकार को सलाह दी है कि वह पूर्व में दिए गए अपने आश्वासनों को पूरा नहीं करने के अंतर्राष्ट्रीय दुष्परिणामों पर भी विचार करे।

भारत में प्रत्यर्पण (Extradition in India)

  • भारत में प्रत्यर्पण – उच्चतम न्यायालय के अनुसार “प्रत्यर्पण” वह प्रक्रिया है जिसके तहत एक देश किसी दूसरे देश को वांछित अपराधी या अभियुक्त अथवा दोषी ठहराए गए व्यक्ति को सौंपता है।
  • हालांकि, इसके लिए शर्त यह है कि उक्त व्यक्ति का अपराध प्रत्यर्पित किए जाने वाले देश की अदालत में न्याय निर्णयन के योग्य होना चाहिए।
  • प्रत्यर्पण अधिनियम, 1962 भारत से किसी दूसरे देश में या दूसरे देश से भारत में भगोड़े व्यक्ति के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को शासित करता है।
  • इस अधिनियम के तहत, यदि किसी दूसरे देश के साथ भारत की कोई प्रत्यर्पण संधि उपलब्ध नहीं है, तो केंद्र सरकार किसी भी अन्य अंतर्राष्ट्रीय कन्वेन्शन (या अभिसमय) को एक प्रत्यर्पण संधि के रूप में मान सकती है।
  • बशर्ते कि उस कन्वेन्शन में उन अपराधों का उल्लेख हो तथा ऐसे कन्वेन्शन में भारत और संबंधित देश, दोनों पक्षकार के रूप में शामिल हों।
  • विदेश मंत्रालय सभी प्रत्यर्पण अनुरोधों पर विचार करने वाला केंद्रीय प्राधिकरण है।

प्रत्यर्पण से जुड़ी कार्यवाही : प्रत्यर्पण की कार्यवाही प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध प्राप्त होने पर शुरू की जाती है।

यह अनुरोध निम्नलिखित तरीकों से प्राप्त होता है:

  • भारत और अनुरोध करने वाले देश के बीच सीधे राजनयिक चैनलों के माध्यम से;
  • इंटरपोल से प्राप्त किसी रेड नोटिस के माध्यम से; या आपसी संचार के अन्य स्थापित तरीकों के माध्यम से।

स्रोत द हिन्दू

Download Our App

MORE CURRENT AFFAIRS

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course