प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पी.एम.बी.जे.पी.)
- प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत 1 मार्च 2021 से तीसराजनऔषधि दिवस समारोह शुरू हुआ, जो 7 मार्च तक चलेगा.
- इस समारोह में स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन किया जा रहा है और जन औषधि केंद्रों पर शुगर लेवल चेक-अप, ब्लड प्रेशर चेक-अप, मुफ्त डॉक्टर परामर्श और मुफ्त दवा वितरण की जा रही है।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना
- प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पी.एम.बी.जे.पी.) भारत सरकार के ‘रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय’ के अंतर्गत कार्यरत ‘फार्मास्यूटिकल्स विभाग’ द्वारा प्रारंभ की गई है।
- इस योजना का उद्देश्य ‘प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र’ के माध्यम से देश की जनता को सस्ती एवं गुणवत्ता युक्त दवाइयाँ उपलब्ध करना है।
- ज्ञातव्य है कि जेनरिक दवाओंको उपलब्ध कराने के लिए इस योजना के अन्दर कई वितरण केंद्र बनाए गए हैं जिन्हेंप्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र कहते हैं।
- इन जन औषधि केन्द्रों को गुणवत्ता एवं प्रभावकारिता में महँगी ब्रांडेड दवाओं के समतुल्य जेनेरिक दवाइयों को कम कीमत पर उपलब्ध कराने के लिये स्थापित किया गया है।
- भारतीय फार्मा लोक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ब्यूरो (Bureau of Pharma PSUs of India – BPPI) इस योजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया है । इसकी स्थापना केंद्र सरकार के फार्मास्यूटिकल विभाग ने की है.
- इसमें 652 दवाओं और 154 सर्जिकल एवं उपभोग्य वस्तुओ को शामिल किया गया है, जिसमें सभी चिकित्सीय श्रेणियों जैसे कि संक्रमण रोधी, मधुमेह रोधी, हृदय रोग संबंधी, कैंसर रोधी, जठरांत्र संबंधी दवाओं इत्यादि को कवर किया गया है।
जन औषधि केन्द्रों की भूमिका
- देश में 652 जिलों में 5,050 जन औषधि बाजार खुल गये हैं,. इन केन्द्रों से प्रतिदिन 10-15 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं. ज्ञात हो कि पिछले तीन वर्षों में जेनरिक दवाओं की बाजार खपत 2% से बढ़कर 7% अर्थात् तिगुनी हो गई है ।
- जन औषधि दवाओं के चलते जानलेवा बीमारियों से ग्रस्त रोगियों का खर्च अच्छा-ख़ासा घट गया है. ये दवाइयाँ बाजार मूल्य की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होती है।
स्रोत – पीआईबी