प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना

प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना

सरकार ने स्पष्ट किया है कि ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना’ (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana – PMMVY) के तहत एकल माताओं और परित्यक्त माताओं को शामिल करने और उनके लिए सुविधा प्रदान करने के लिए, पतियों का आधार कार्ड माँगा जाना अनिवार्य नहीं है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना

प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना (PMMVY) केंद्र सरकार की एक मातृत्व लाभ योजना है। इस योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार देश के सभी जिलों में लागू किया गया है।

योजना के तहत, प्रत्यक्ष लाभ नकद हस्तांतरण का उद्देश्य गर्भवती माताओं के लिए बढ़ी हुई पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करना, और साथ ही साथ काम-काजी महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद होने वाली मजदूरी के नुकसान की आंशिक भरपाई करना है।

इस योजना की घोषणा 31 दिसंबर, 2016 को की गई थी।

लाभार्थी:

  • केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकारों या सार्वजनिक उपक्रमों में नियमित रोज़गार में संलग्न एवं किसी भी कानून के तहत समान लाभ प्राप्त करने वाली महिलाओं को छोड़कर सभी गर्भवती महिलाएँ एवं स्तनपान कराने वाली माताएँ (Pregnant Women and Lactating Mothers- PW&LM) इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिये पात्र हैं।
  • ऐसी सभी पात्र गर्भवती महिलाएँ और स्तनपान कराने वाली माताएँ, जिन्होंने परिवार में पहली संतान के लिये 1 जनवरी, 2017 को या उसके बाद गर्भधारण किया हो।

योजना के अंतर्गत प्रदत्त लाभ:

लाभार्थी को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने पर, तीन किस्तों में 5,000 रुपए का नकद लाभ प्रदान किया जाता है:

  • गर्भधारण का शीघ्र पंजीकरण।
  • प्रसव-पूर्व जाँच।
  • बच्चे के जन्म का पंजीकरण, एवं परिवार के पहले जीवित बच्चे के टीकाकरण का पहला चक्र पूरा करना।

इसके अतिरिक्त, पात्र लाभार्थियों को जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत नकद प्रोत्साहन भी दिया जाता है। इस प्रकार एक महिला को औसतन 6,000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है।

योजना में प्रस्तावित सुधार:

  • केंद्र सरकार द्वारा शीघ्र ही ‘प्रधान मंत्री मातृ वंदन योजना’ (PMMVY) के तहत लाभों का विस्तार किए जाने की संभावना है।
  • वर्तमान में, योजना के तहत लाभार्थियों में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए परिवार में पहले बच्चे के लिए गर्भधारण करने वाली महिलाओं को शामिल किया जाता है, इस प्रावधान को दूसरे बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को शामिल किया जाएगा, बशर्ते जन्म लेने वाला बच्चा लड़की हो।
  • जन्म-पूर्व लिंग चयन को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।

स्रोत द हिन्दू

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